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शब्दकोष
पगंथ (देशी शब्द) (६।४२) गाली देना पज्जवजाय (पर्यवजात) (३।१७) पर्याय समूह पडियार (प्रतिचार) (८।६।१२) सेवा पडिसंखाए (प्रतिसंख्यात) (५।१०६) व्यपदृष्टि पया (प्रजा).(३।४७) स्त्री परिणिव्वाण (परिनिर्वाण) (१११२१) सुख परिण्णा (परिज्ञा) (१६) विवेक-जानना और छोड़ना परितप्पमाण (परितप्यमान) (२।३) चिन्ताग्रस्त परिवयंति (परिवदन्ति) (२७) तिरस्कार करते हैं परिसव (परिश्रव) (४।१२) कर्म-मोक्ष करने वाला, कर्म-मोक्ष का हेतु पलियं (देशी शब्द) (४।२७) कर्म पलिच्छिन्न (परिच्छिन्न) (४।२५) भली-भांति जाना हुआ, संयत पलेमाण (पर्यायत्, प्रलीयमान) (४।१०) लीन रहता हुआ पवेदित (प्रवेदित) (२।७१) विदित पव्वहिअ (प्रव्यथित) (१।१४) व्यथित पव्वहिय (प्रव्यथित) (२।९०) पराजित परिहरेज्जा (सामयिक धातु) (२।११८) काम में लेना पहेण (देशी शब्द) (२।१०४) उपहार पाईण (प्राची) (१।९४) सामने पाव (पाप) (८।१।११) हिंसा पावाइया (प्रावादुक) (४।३०) प्रवचनकार, दार्शनिक पावादुय (प्रावादुक) (४।२५) प्रवचनकार, दार्शनिक पासग (पश्यक) (२।७३) द्रष्टा (सत्यदर्शी) पुढो (पृथक्) (१।१५) पृथक्-पृथक् पुढो (पृथक्) (१।१६) प्रत्येक पुढो (पृथु) (२०५७) विपुल पोयण (पोतज) (१।११८) आवरण-रहित, शिशु रूप में उत्पन्न होने वाले जीव
फरुसिय (परुष) (३।७) कष्ट फलगावयट्ठी (फलकेवावतष्टः) (६।११२) फलक की तरह छिला हुआ
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