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योगबिन्दु के परिप्रेक्ष्य में जैन योग साधना का समीक्षात्मक अध्ययन
146 4
+
21
153
154
- -
धर्मवाख्यातवानुचिन्तनमभक्षाः सद्ववहार यो बाह्म ध्याथा
154 - 161 - [82 216 225
। । । । ७ - |
धर्मस्वाख्याततत्त्वानुचिन्तनमनपेक्षाः सद्वयवहार
जो बाह्य ध्याता धर्म
15
धम
201
हों-२
212 2 217 233 4 234
। । । । । । । । । । । । । । । । ।
|
पच उनका समयसरा प्रयत्त वक्रिय
15
242 -
ल | |
11
पञ्च उनकी समयसार
प्रमत्त
वैक्रिय कार्मणकाय
पक्षी प्रमाणों
जैन
14
कामणकाय पक्षा
11
250 251
1
प्रभावों
-
256
2
12
जन
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