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योगबिन्दु के परिप्रेक्ष्य में जैन योग साधना का समीक्षात्मक अध्ययन
१६६. सूत्र प्राभृत (मूल), आचार्य कुन्दकुन्द श्रीमहावीर प्रकाशन, वीरनि० सं० २४७८
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१६७. सर्वदर्शन संग्रह, माधवाचार्य, वाराणसी, १६६४
१६८. सर्वार्थसिद्धि, पूज्यपाद, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १६५५.
१६६. स्कन्ध पुराण भाग-१, कलकत्ता, १९६०
१७०. हरिभद्रसूरि चरित्र, पं० हरगोविन्ददास, वित्रमचन्द सेठ, यशीविजय ग्रंथ माला, भावनगर
१७१, हरिभद्रस्य समय निर्णयः, लेखक म ुनि श्री जिनविजय, अनेकान्त विहार, अहमदाबाद
१७२. हरिभद्र के प्राकृत कथा साहित्य का आलोचनात्मक परिशीलन, डा० नेमिचन्द्र शास्त्री, वैशाली १६६५
१७३. हरिभद्रयोग भारती, हरिभद्रसूरि, प्रका० दिव्यदर्शन ट्रस्ट, गुलाल बाड़ी, बम्बई, वि० सं० २०३६
१७४, हारी तस्मति, सम्पा० रामशर्मा, संस्कृति संस्थान, बरेली, १६६६ १७५. हेमचन्द्र धातु पाठ माला, गुणविजय जैन, ग्रंथ प्रकाशक सभा, अहमदाबाद, १६३०
१७६, ज्ञानसार, पद्मसिंह, टीका त्रिलोक, चन्द, दिगम्बर जैन पुस्तकालय सूरत, वी० सं २४७०
१७७. ज्ञानार्णव, शुभचन्द्राचार्य, परमश्रुत प्रभावक मण्डल रायचन्द
आश्रम, अगास, १६८१
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