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________________ 250 Jain Education International 2010_03 ८७. क्रम ग्रंथ . मुण्डकोपनिषद् ८८. मृच्छकटिकम् मेघदूत ९०. मेदिनीकोश ९१. यजुर्वेद ९२. योगशास्त्र लेखक, सम्पादक, अनुवादक सानुवाद शांकरभाष्यसहित सं. डॉ. श्रीनिवासशास्त्री डॉ. अभयमिश्र (भावानुवाद) सं. पं. जगन्नाथशास्त्री श्रीपाद शर्मा सातवलेकर। हेमचन्द्राचार्य, गुजराती भाषांतर पं. श्रावक हीरालाल महाकवि कालिदास सं. भट्टमथुरानाथ शास्त्री भानुदत्त संस्करण प्रकाशक दशम सं. २०२६ गीताप्रेस, गोरखपुर अष्टम सं. १९९६ साहित्यभंडार, मेरठ वर्ष १९८७ अनुभूति प्रकाशन, इलाहाबाद तृ. सं. २०२४ चौखंबा संस्कृत ऑफिस, वाराणसी १९५७ स्वाध्याय मंडल, पारडी सन् १८९९ निर्णयसागर मुद्रायंत्र For Private & Personal Use Only सन् १९४८ निर्णसागर मुद्रणालय, मुम्बई-२ पुनर्मुद्रण १९८८ मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली उत्तराध्ययन का शैली-वैज्ञानिक अध्ययन ९३. रघुवंशम् रसगङ्गाधर ९५. रसतरंगिणी ९६. रीतिकालीन अलंकार साहित्य का शास्त्रीय विवेचन ९७. रीति विज्ञान ९८. वक्रोक्तिजीवितम् डॉ. विद्यानिवास मिश्र (संपा.) श्रीमद् राजानककुन्तक संशोधित श्री सुशीलकुमार दे १९७३ शक. १८८३ राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली कोलकाता www.jainelibrary.org
SR No.002572
Book TitleAgam 43 Mool 04 Uttaradhyayana Sutra ka Shailivaigyanik Adhyayana
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmitpragyashreeji
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2005
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size10 MB
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