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५६. काव्यप्रकाश,८/६७ ५७. काव्यमीमांसा, तृतीय अध्याय पृ. ७ ५८. रीतिकालीन अलंकार साहित्य का शास्त्रीय विवेचन, पृ. ४७२ ५९. काव्यप्रकाश, १०/८७ ६०. चित्रमीमांसा, पृ. ६ (उद्धृत भारतीय साहित्य शास्त्र कोश) ६१. अणुओगदाराई, सूत्र ५६९ ६२. आचारांग वृत्ति, ४/१६ ६३. महाभारत, स्त्री पर्व पृ. १/११ ६४. काव्यालंकार, २/२१ ६५. काव्यप्रकाश, १०/१०२ ६६. (क) उत्तराध्ययन चूर्णि, पत्र २७
(ख) बृहद्वृत्ति, पत्र ४५ ६७. विनीत अविनीत की चौपई, दाल २/१ ६८. उत्तर. २०/३६, ३७ ६९. काव्यालंकार, ७/७२ ७०. काव्यप्रकाश, १०/११८ ७१. उत्तराध्ययन चूर्णि, पृ. २१० ७२. काव्यप्रकाश, १०/११४ ७३. साहित्यदर्पण, १०/३ ७४. काव्यप्रकाश, ९.७९/ 'स्वरवैसादृश्येपि व्यञ्जन-सदृशत्वं वर्णसाम्यम्' ७५. साहित्यदर्पण, १०/४ ७६. साहित्यदर्पण, १०/३ ७७. काव्यप्रकाश ९/७९ पृ. १४४ ७८. साहित्य दर्पण, १०/११
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उत्तराध्ययन का शैली-वैज्ञानिक अध्ययन
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