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पाठ 36
संज्ञा शब्द प्रकारान्त नपुंसकलिंग
- कमल-कमल का फूल,
धरण-घन
क्रियाएँ
विस=खिलना,
वड्ढ= बढ़ना
प्रथमा (बहुवचन)
वर्तमानकाल (बहुवचन)
कमलाई कमलाई कमलाणि
विग्रसन्ति/विग्रसेन्ति/विअसन्ते/विप्रसिरे
-कमल खिलते हैं।
धणाई
धणाई
वड्ढन्ति/वड्ढेन्ति/वड्ढन्ते/वड्ढिरे
=धन बढ़ते हैं।
धणाणि
प्रथमा (बहुवचन)
विधि एवं प्राज्ञा (बहुवचन)
कमलाई कमलाई कमलाणि
विअसन्तु/विग्रसेन्तु
=कमल खिलें।
धरणाई घणाई घणाणि
वड्ढन्तु/वड्ढेन्तु
=धन बढ़ें।
प्राकृत रचना सौरम ]
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