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________________ हेत्वर्थक कृदन्त क्रियाएँ हस हँसना, त्वर्थक कृदन्त के प्रत्यय वाक्यों में प्रयोग श्रहं हं श्रम्मि तुमं तुह सो सा हस पाठ 29 पच्च-नाचना हसिउं - हँसने के लिए हसिदु = हँसने के लिए Jain Education International 2010_03 हसि / हसितुं जीवहि / जीवसु आदि हसिउं / ह सिदुं जीवमि / जीवामि आदि = मैं हँसने के लिए जीता हूँ । णच्च णच्चिरं = नाचने के लिए च्चिदु = नाचने के लिए = तुम हँसने के लिए जीवो । } हसिउं / ह सिदुं जीविहिइ / जीविहिए = वह हँसने के लिए जीवेगा / जीवेगी | निम्नलिखित वाक्यों में हेत्वर्थक कृदन्त के प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए - (1) वह थकने के लिए नाचता है । (3) वे लड़ने के लिए छिपते हैं । (5) वे सोने के लिए थर्के । (7) वे नाचने के लिए उठेंगे । ( 9 ) तुम खुश होने के लिए खेलोगे । प्राकृत रचना सौरभ ] ( 2 ) वह बैठने के लिए गिरती है । ( 4 ) तुम सब उठने के लिए प्रयास करो । ( 6 ) वह जागने के लिए प्रयास करे । ( 8 ) मैं कूदने के लिए उठा । ( 10 ) वह सोने के लिए रोया । For Private & Personal Use Only [ 59 www.jainelibrary.org
SR No.002571
Book TitlePrakrit Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1994
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
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