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5.
(i) भविष्यकाल में तीनों पुरुषों (उत्तम, मध्यम, अन्य) के दोनों वचनों (एकवचन,
बहुवचन) में जज, ज्जा प्रत्यय भी प्रकारान्त क्रियानों में लगाये जाते हैं। ज्ज, ज्जा प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' या इ' हो जाता है (हे. प्रा. व्या , 3-157, 3-177)। हसेज्ज/हसेज्जा
मैं हँसूगा/हम हँसेंगे।
तुम हँसोगे/तुम सब हँसोगे। हसिज्ज/हसिज्जा
वह हंसेगा/हंसेगी, वे हंसेंगे/हंसेंगी ।
(ji) आकारान्त, प्रोकारान्त आदि क्रियाओं में भी ज्ज, ज्जा प्रत्यय भविष्यत्काल के तीनों पुरुषों के दोनों वचनों में लगाये जाते हैं
होज्ज/होज्जा
(iii) आकारान्त, प्रोकारान्त आदि क्रियाओं में 'म' विकरण जोड़कर भी ज्ज, ज्जा
प्रत्यय जोड़ दिए जाते हैं । इनके जोड़ने पर भविष्यत्काल में अन्त्य 'अ' का 'ए' और इ' हो जाता है। ठा-+ठान→ठाएज्ज/ठाएज्जा/ठाइज्ज ठइज्जा हो+ होनहोएज्ज/होएज्जा/होइज्ज/होइज्जा ण्हा+प्र=ण्हाअ→हाएज्ज/हाएज्जा, हाइज्ज/व्हा इज्जा
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प्राकृत रचना सौरभ
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