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(ii) अर्धमागधी में विधि के अन्य पुरुष एकवचन के लिए 'ए', 'एज्जा' प्रत्यय
लगाकर 'हस' के रूप में बनेंगे-हसे, हसेज्जा (पिशल, पृष्ठ 683-684)।
3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं ।
4. उपर्युक्त सभी वाक्य कर्तृवाच्य में हैं ।
प्राकृत रचना सौरम ]
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