________________
पाठ 10
तुम/तुं/तुह-तुम
क्रियाएँ
हस-हँसना, रूस रूसना, जीव-जीना
सय=सोना, लुक्क छिपना,
गच्च-नाचना जग्ग=जागना
विधि एवं प्राज्ञा ] हसहि/हससु/हसधि/हस
हसेहि/हसेसु/हसेधि j हसेज्जसु/हसेज्जहि/हसेज्जे
= तुम हँसो।
1 णच्चहि/गच्चसु/रणच्चधि/णच्च
णच्चेहि णच्चेसुणच्चेधि jणच्चेज्जसु/णच्चेज्जहि/णच्चेज्जे
= तुम नाचो।
] लुक्कहि/लुक्कसु/लुक्कघि/लुक्क
लुक्केहि/लुक्केसु/लुक्केधि Jलुक्केज्जसु/लुक्केज्जहि/लुक्केज्जे
= तुम छिपो।
1. (i) तुम/तुं/तुह-तुम, मध्यम पुरुष एकवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम) ।
(ii) अर्द्धमागधी में तुम, तं, तुमे का प्रयोग होता है, (पिशल, प्रा.भा.व्या. पृष्ठ 617)। 2. (i) विधि एवं प्राज्ञा के मध्यम पुरुष एकवचन में हि, सु, ०, इज्जसु, इज्जहि, इज्जे
तथा धि प्रत्यय क्रिया में लगते हैं और हि, सु, और धि प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' भी हो जाता है । इज्जसु, इज्जहि तथा इज्जे प्रत्यय लगने पर प्र+इ=ए हो जाता है ।
(ii) शून्य प्रत्यय (०) तथा इज्जसु, इज्जहि, इज्जे प्रत्यय प्रकारान्त क्रियाओं में ही
लगते हैं । आकारान्त, प्रोकारान्त आदि क्रियाओं में उपर्युक्त प्रत्यय नहीं लगते।
18 ]
[ प्राकृत रचना सौरभ
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org