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सो वह ( पुरुष ), सा वह (स्त्री)
क्रियाएँ
1.
2.
हस हँसना,
रूस
रूसना,
जीव = जीना
सो
सा
सो
सा
सो
सा
पाठ 3
= सोना,
सय
लुक्क = छिपना,
वर्तमानकाल
हसइ / हसाए / हसदि / हसदे /ह से इ/ह से दि
= वह हँसता है ।
हसइ / हस ए / सदि / हसदे / हसेइ / हसे दि
= वह हँसती है ।
गच्चइ / णच्चए / णच्चदि / णच्चदे / णच्चेइ / णच्चेदि
== वह नाचता है |
णच्चइ / णच्चए / णच्चदि / णच्चदे / णच्चेइ / गच्चेदि = वह नाचती है ।
लुक्कइ / लुक्कए/लुक्कदि/लुक्कदे/लुक्केइ/लुक्के दि
= वह छिपता है |
लुक्कइ/लुक्कए/लुक्क दि/लुक्कदे/लुक्केइ/लुक्के दि
= वह छिपती है ।
रगच्च नाचना
जग्ग= जागना
(i) सो= वह ( पुरुष ), सा - वह (स्त्री), अन्य पुरुष एकवचन ( पुरुषवाचक सर्वनाम ) |
(ii) स= वह ( पुरुष ) का भी प्रयोग होता है ।
(iii) श्रर्द्धमागधी में 'से' वह ( पुरुष ) का भी प्रयोग होता है, (पिशल, पृष्ठ 622 ) ।
=
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(i) वर्तमानकाल के अन्य पुरुष एकवचन में इ, ए, दि और दे प्रत्यय क्रिया में लगते हैं । 'इ' और 'दि' प्रत्यय लगने पर क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ए' भी हो जाता है।
(ii) 'ए' और 'दे' प्रत्यय वर्तमानकाल की प्रकाशन्त क्रियाओं में ही लगते हैं । आकारान्त, प्रकारान्त, उकारान्त श्रादि क्रियाओं में 'ए' और 'दे' प्रत्यय नहीं
प्राकृत रचना सौरभ ]
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