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________________ अकारान्त स्त्रीलिंग सर्वनाम सो पुत्तो माया कर्मक क्रियाएँ मइत्तो / ममाश्र / मज्झाप्रो / ममाहिन्तो = मेरे से तुम्हा हिन्तो / तुवत्तो / तुहाओ / तुमाओ = तेरे से ताओ / ताउ / ताहिन्तो = उससे (पु.) ता/ ताइ / ताए / ततो = उससे (स्त्री.) डर = डरना, उपज्ज = पैदा होना, पंचमी एकवचन रित्तो / नरिंदा / नरिदार / नरिदा हि / नरदा हिन्तो / नरिदा जबू पुती / पुतीमा / पुत्ती / पुत्तीए / पुत्तित्तो/पुत्ती प्रो / पुत्ती हिन्तो / पुत्ती उ = - जामुन का पेड़ Jain Education International 2010_03 पड = गिरना रगीसर = निकलना า जंबू / जंबू / जंबूइ / जंबू ए / जंबूत्तो / जंबूप्रो ias / जंबू हितो माया / मायाइ / मायाए / मायाहिन्तो / मायत्तो / मायाउ / > डरइ / आदि = पुत्र माता से डरता है । मायाओ सकर्मक क्रियाएँ धाव = - दौड़ना श्रागच्छ ==प्राना | > डरइ / आदि = वह राजा से डरता है । गंथं पढइ / आदि = माता पुत्री से ग्रन्थ पढ़ती है । अभ्यास (1) बालक सर्व 'डरता है । ( 2 ) खेत से अन्न उत्पन्न होता है । ( 3 ) वह गाय से डरता है । (4) जामुन के पेड़ से पत्ता गिरता है । ( 5 ) खेत से कुत्ता दौड़ता है । ( 6 ) मनुष्य हिंसा प्राकृत रचना सौरभ ] For Private & Personal Use Only [ 161 www.jainelibrary.org
SR No.002571
Book TitlePrakrit Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1994
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
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