SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 151
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पाठ 59 (1) इकारान्त संज्ञा शब्द (नपुंसकलिंग) दहि =दही, अच्छि आँख, अट्टि =हड्डी, वारि जल सालि . =चावल सप्पि . =धी (2) उकारान्त संज्ञा शब्द (नपुंसकलिग) महु अंसु वस्थ मधु, =आँसू, =पदार्थ, जाणु प्राउ घुटना =पायु लकड़ी दारु (3) इकारान्त संज्ञा शब्द (स्त्रीलिंग) भत्ति उप्पत्ति गइ =भक्ति , मरिण =रत्न, तत्ति =तृप्ति/संतोष, रत्ति =रात, धिइ धैर्य, थुइ =स्तुति, लद्धि प्राप्ति, प्रोहि/अवहि समय की सीमा, T E रिद्धि नुवइ सत्ति प्रागिइ जाइ मइ =जन्म =गति =वैभव -युवती =बल =आकार -जन्म/जाति =मति (4) ईकारान्त संज्ञा शब्द (स्त्रीलिंग) परमेसरी ऐश्वर्य-सम्पन्न स्त्री, सामिणी =मालिकिन, बहिणी =बहिन, पिनामही =दादी, समणी =श्रमणी, साडी साड़ी/वस्त्र/कपड़ा धत्ती =दाई, गारी इत्थी गई =नदी गागरी नगर में रहने वाली पुत्ती =पुत्री =नारी स्त्री लच्छी लक्ष्मी पुढवी =पृथ्वी 134 ] प्राकृत रचना सौरभ Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002571
Book TitlePrakrit Rachna Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1994
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy