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नोट - भविष्यत्काल के भाववाच्य में ये ही रूप काम में आते हैं । इनमें इज्ज / ईश्र आदि प्रत्यय नहीं लगते ।
पाठ-45 का पाद टिप्पण 1 ( क ) देखें |
2. पाठ-45 का पाद टिप्पण 1 ( ख ) देखें |
3. उपर्युक्त सभी क्रियाएँ अकर्मक हैं तथा वाक्य भाववाच्य के हैं ।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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