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तइतए। तुमे/तुमए हसिज्जी/हसीआईअ =तुम्हारे द्वारा हँसा गया । तेण तेणं हसिज्जी हसीअई ___=उस (पुरुष) के द्वारा हँसा गया । ताए तीए हसिज्जी/हसीअईअ =उस (स्त्री) के द्वारा हँसा गया ।
नोट-(i) भाववाच्य में भूत काल के लिए भूतकालिक कृदन्त का भी प्रयोग किया जाता है ।
[इसके लिए देखें पाठ-45 (ii)] । (i) ठा आदि क्रियाओं के रूप होंगे-ठाइज्जसी/ठाईअसी, ठाइज्जही/ठाईअही,
ठाइज्जहीग्र/ठाईअहीन ।
तृतीया एकवचन (संज्ञा)
नरिंदेरण/नरिंदेणं
भविष्यत्काल हसिहिइ/आदि
=राजा के द्वारा हँसा जायेगा ।
नोट-इसी प्रकार अन्य वाक्य बना लेने चाहिए। हसिहिइ कर्तृवाच्य में प्रयुक्त होता है । भविष्यत्काल के भाववाच्य में यही रूप काम में आता है । इसमें 'इज्ज' आदि प्रत्यय नहीं जुड़ते।
तृतीया बहुवचन (संज्ञा)
वर्तमानकाल हसिज्जइ/आदि हसीअइ/आदि
नरिदेहि/नरिंदेहि/नरिदेहिँ
राजाओं के द्वारा हंसा जाता है।
कमा हि/कमलेहिं/कमलेहि
विअसिज्जइ/प्रादि विअसीअइ/आदि
=कमलों द्वारा खिला जाता है ।
ससाहि/ससाहिं। ससाहिँ
जग्गिज्जइ/आदि जग्गीअइ/ग्रादि
=बहिनों द्वारा जागा जाता है।
तृतीया बहुवचन (सर्वनाम)
अम्हेहि अम्हाहि
हसिज्जइ/पादि हसीअइ/आदि
-हमारे द्वारा हंसा जाता हैं।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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