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(ii) वाक्यों में प्रयोग
( कर्ता नपुंसकलिंग )
कमलाई
कमलाई
कमलाणि
(ग) क्रियाएँ
कमलाई
कमलाई
कमलाणि
भूतकालिक
कृदन्त के
प्रत्यय
अ/य
त
द
( बहुवचन )
विअसिग्राइं/ विप्रसिश्राई / विश्वसिप्राणि
विसिताइं / विश्वसिताई / विसितापि विसिदाई / विसिदाइँ / विप्रसिदारिण
उट्ठ उठना,
होम / होमाई / होत्राणि
> होताई / होता हूँ / होताखि
होदा इं/ होदाइँ / होदाणि
ससा
उट्ठ
उट्टि / उट्ठिय उठा
=
प्राकृत रचना सौरभ ]
=उठा
उट्ठद
नोट-क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' हो जाता है ।
(i) वाक्यों में प्रयोग
( कर्ता. स्त्रीलिंग)
ससा
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सय = सोना,
== उठा
( एकवचन )
उ/उडिया / उता / उट्टिदा
ठामा /ठाया /ठाता / ठादा
सय
सयिन / सयिय == सोया
सयित
= सोया
सदि
= सोया
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(कर्तृवाच्य )
= कमल खिले 4
= कमल हुए ।
ठा = ठहरना
ठा / ठाय ठहरा
= ठहरा
= ठहरा
ठात
역
ठाद
( कर्तृवाच्य )
= बहिन उठी ।
बहिन ठहरी ।
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