________________
पाठ सं.
विषय
पृ.सं.
विधिकृदन्त
कर्मवाच्य .
140
पाठ 62
144
पाठ 63
अभ्यास
145
पाठ 64
विविध कृदन्त द्वितीया सहित
149
पाठ 65
अभ्यास
150
पाठ 66
153
पाठ 67
155
पाठ 68
158
पाठ 69
159
पाठ70
पाठ71
160
पुं., नपुं., स्त्री.
संज्ञा, सर्वनाम चतुर्थी-षष्ठी एकवचन संज्ञा चतुर्थी-षष्ठी एकवचन संज्ञा-सर्वनाम चतुर्थी-षष्ठी बहुवचन संज्ञा चतुर्थी-षष्ठी बहुवचन अभ्यास संज्ञा-सर्वनाम पंचमी एकवचन संज्ञा पंचमी एकवचन संज्ञा पंचमी बहुवचन संज्ञा पंचमी बहुवचन सर्वनाम पंचमी बहुवचन संज्ञा सप्तमी एकवचन सर्वनाम सप्तमी एकवचन
पाठ 72
163
पुं., नपुं., स्त्री.
164
पाठ 73
पुं., नपुं.
स्त्रीलिग
166
पाठ 74
पं., नपुं., स्त्री.
168
पाठ75
प्राकृत रचना सौरभ ]
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org