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परिशिष्टम्-२६, ध्यानशतकटीकागतविशिष्टशब्दाऽकारादिक्रमः
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शब्द
गाथाङ्क
शब्द
गाथाङ्क
कृतयोग
कृतयोगी
दण्डायत दर्शन दर्शनदीपकगुण दावानल द्यूतकार द्रव्यनिक्षेप द्रव्यार्थादेश द्रव्यास्तिकनय द्वादशानुप्रेक्षा द्वादशाङ्गी द्वीप
६२, ७७
१२
३३
५, १२, २७, २९
५४
केवल केवली क्षपकश्रेणी क्षयोपशम क्षेत्रलोक खेट गणधर ३५, ३८, ४६, ६३ गम
४६ गीतार्थ गुणश्रेणि
७६ गोत्र घन घनवात घनोदधि चतुर्दशपूर्वी चतुर्विंशतिदण्डक चतुर्विंशतिस्तव चमर चरणधर्म
५, १७, चरित-उदाहरण चारित्र चिलातीपुत्र
चैत्यधन जिन
धर्मध्यान नगर नमस्कारनियुक्ति नय नरक नामकर्म नामनिक्षेप निकाचित निर्ग्रन्थ निर्जरा निर्वेद नैगम परममुनि परलोक परसमय परीषह पर्याप्त पर्यायलोक पञ्चास्तिकाय पाताल पाषण्डप्रशंसा पाषण्डसंस्तव
जीव
ज्योतिष्क-विमान ज्ञान ज्ञानावरणीय
५१, ५५ तनुवात तप
१० तिर्यग्गति
५, १३ तीर्थकर १७, ३५, ३८, ६३
५४
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