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सप्तमं धर्मभेदद्वारम्
१५१ तेहि वि पुरिमड्ढविवज्जिएहि, चउरो लया कसायजए । पुरिमेगासणरहिएहि, जोगसुद्धिइ तिन्निलया ॥७॥ नाणे दंसणचरणे, उववासा तिन्नि तिन्नि पत्तेयं । तप्पूयणाइपुव्वं, हवंति रयणत्तयतवम्मि ॥८॥ सव्वंगसुंदरतवे, उववासा अट्ठ अंबिलंतरिया । सियपक्खे कसिणे पुण, निरुज्जसिंहो वि एमेव ॥९॥ अह परमभूसणतवे, बत्तीसं अंबिलाइ किजंति । इगभत्तेतरियाई, आयइजणगे वि एस विही ॥१०॥ सोहम्मग्गकप्परुक्खो, होइ समग्गे वि चित्तमासम्मि । इक्कासणंतरेहि, उववासेहिं पनरसेहिं ॥११॥ चउत्थेश्गासणरइगसि३-त्थिगठाणं४दत्ति५निम्वियाक्ष्यामा७ । अट्ठकवलं ८ इगलया इय, अट्ठहि कम्मसूडणओ ॥१२॥ सुमइस्स एगभत्तं, मल्लीपासाण तिन्नि उववासा । वसुपूज्जस्स य एगो, दो दो सेसाण निक्खमणे ॥१३॥ पासुसहमल्लिनेमिसु , तितिउववासा इगो य वसुपूज्जे । इयराण दुन्नि दुन्नि उ, कायव्वा केवलितवम्मि ॥१४॥ रिसहस्स छ उववासा, दुन्नि उ वीरस्स सेसयाणं च । सव्वेसि तीस तीसा, निव्वाणतवम्मि निद्दिट्ठा ॥१५॥ पइजिणमंबिलवीसा, दवदंती होइ वद्धमाणो उ । रिसहाइजिणिंदाणं, इगासणा एगवुड्डीए ॥१६॥ एगाइ पनरसं ति य, पंचदसाई इगंतकवलेहिं । चंदायणजवमज्झो, मासम्मि य पक्खओ होइ ॥१७॥ मासं च वज्जमज्झो, विवरीयकवे( वले )हि कसिणपक्खाओ । सियपक्खपंचमीए , तवेण सुयपंचमी भणिया ॥१८॥ कल्लाणिगतवचरणे, चउवीसाए जिणाण पत्तेयं ।। कल्लाणिगेसु पंचसु , होइ तवो सत्त (पंच) वरिसाइं ॥१९॥
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