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T रिशिष्ट ३ विशेष शब्दार्थ
सगडभि अपने द्वारा कृत कर्मों को भेदन करने वाला ३।७३ सच्च - सत्य, सद्भाव, सार्वभौम नियम, ऋजुता आदि ३।४० • वस्तु का यथार्थ स्वरूप मोक्षामतापी
३।६५
सहिद
३१८०
२/३३
५।१३६
११
४। १
सण्ण-निमग्न
• सर्वतः चैतन्यमय
सण्णा - संज्ञा, अवबोध
सत्त-- सत्त्व - शुभ - अशुभ कर्मों की सत्ता वाले प्राणी सन्निवय- अनाज, घृत आदि किंचित् कालस्थायी
पदार्थों का संग्रह
सन्निहि ओदन, राधे हुए चावल आदि शीघ्रविनाशी पदार्थों का संग्रह सबलत्त - सफेद कोढ
सभा - ग्राम - संसद्
समष्णमुनिपद की बर्हता प्राप्त
• उद्यत विहारी
• दार्शनिक दृष्टि तथा वेश से समान
समण्णागय - जागरूक
समय - सांकेतिक कथा
समयण्ण-स्व पर सिद्धान्त का ज्ञाता
समाधि - मन की एकाग्रता, चित्त का समाधान
समित लक्ष्यगामी
समिय – सम्यक् प्रवृत्त
समियापरियाय- समता का पारगामी समुट्ठाय प्रव्रजित होकर समुस्सय - शरीर
सम्म सम्यक्त्व
२।१८
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२1१८
२।५४
९/२/२
५।९६
६७८
८। १
६९७
९।१।१०
२११०
५।९३
३।३८
४/४१
५।२७
२।३१
४ ४४
५। ५७
५।११६
२७७
२८७
० सत्य
सरण --- शरण अर्थात् व्याधि का उपशमन सल्ल - कर्म, कर्म विपाक
सव्वकम्मावह सब कर्मों का आवहन करने वाला सव्वजोणिय – प्रत्येक योनि में उत्पन्न होने के योग्य सम्वतो - सर्वत्र, सर्वथा, सर्वकाल सम्वपरिणचारि - सम्पूर्ण रूप से विवेक से आचरण करने
वाला
२।१७९
९।१।१७
९।१।१४
६।३८
सव्वसमण्णागयपण्णाण - सर्व विषयग्राही ज्ञान,
सर्वेशान
० पूर्ण सत्यप्रज्ञ सायंति सभी
सव्वेसणा-सात प्रकार की पिण्डेषणाएं
सहसरकार अविश्यकारी सहसम्मुइ स्वस्मृति सहिअ सहनशील सामारियमंयुन
भूमि-अनार्य देश
सोयविय - शौच, अलोभ
सोवाग - चांडाल हृम्यगार्हस्थ्य
४७५
सामयि सामग्री, उपकरण-समूह
-
सामत्त कोढ का रोग
सामास -- सायंकालीन भोजन साय-सुख
साला भींत रहित आवास
-
सासय — त्रिकालावस्थित सिय-तत्त्वज्ञान से युक्त सिविषय हाथीपगा सिलोय - श्लाघा, सीओसिणच्चाइ - अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थति को सहने वाला
प्रसिद्धि
३७
सीतोब सचित्त जल तथा भोजन
९।१।११ ९।४।१३
सीर्यापिड - बासी भोजन
सीवकास स्त्री परिषद् तथा सत्कार पुरस्कार परीषह ८५७
मुसा अलेपकृत भोजन
६।५३
९।३।२ ६.५५ ९।४।१३
हास आमोद-प्रमोद हिरी लग्नाकारी हुरत्या (वे) – बाह्य, बाहिर
१७४
५।५५
१७८१७
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६।५३
२३
१।३
३।६७
सुब्मि (वे) - मनोज
सूइय--- व्यंजन सहित भोजन सूणिम-शोष
६८
सेय - इन्द्रियातीत या पदार्थातीत सुख, हित, कामना ३६७ सोत-इन्द्रिय
५।११८
५।१०
८४९
२।५४
२1१०४
५।५२
९।२।२
४२
५।९४
६।८
६।९६
६११०२
९।४।११
२/३४
३।३२
६।४५
५।१२; ८२१
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