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44. The Indian empire by Mr. Huntar---Huntar - P.472 ५६. न्या, जै. श्री विजयानंद सूरि-श्री पृथ्वीराज जैन . पृ.१२९ ५७. तत्त्व निर्णय प्रासाद . श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म. पृ.४ ५८. जै.श्री विजयानंद ज. श. स्मा. ग्रन्थ (मेकोलेका पत्र पिताके नाम) हिन्दी विभाग . पृ.१०२ ५९. जैन तत्त्वादर्श - श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म. पृ.४८१ ६०. नवयुग निर्माता - श्रीमद्विजय वल्लभ सुरीश्वरजी म.-पृ.४०९ से ४११ ६१. सुरीश्वरजीके पुनितनाम पर . श्री ईश्वरलाल जैन . पृ.९८ . ६२. जैनधर्मका महत्त्व और उसकी उन्नतिके साधन . श्री मथुरदास जैन . पृ.१२८, १२९ ६३. स्व. गुरु म. का अपूर्ण रहा हुआ अंतिम ध्येय - श्री बनारसीदास -पृ.५२ ६४. जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास - मोहनलाल देसाई - पेरा १०७२, १०८२ ६५. "अनुसंधान' . पत्रिका (संपादकीय वक्तव्य) संपा.- वि.शीलचंद्र सूरि, हरिवल्लभ भायाणी ६६,६७ Shree Atmaramji and his many sided activities by Dr. Amarnath Audich-P.98/99 ६८. विश्व महाविभूति श्री विजयानंद सूरिश्वरनो अक्षर देह . श्री पुण्य विजयजी म. . पृ.३ ६९. महान ज्योतिर्धर - अनु. रंजन परमार . पृ.६४ ७०. न्या.जै.श्री विजयानंद सूरि . श्री पृथ्वीराजजी जैन . पृ. १४५ ७१.७२ अज्ञान तिमिर भास्कर . श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म. पृ.१६७/पृ.१७४ ७३. श्री नयविजय उपाध्यायजी रचित 'कल्प सुबोधिका वृत्ति' संपा. श्री शोभाचंद्रजी भारिल्ल-पृ.३१-३२ ७४. Shree Atmaramji from a young mans' view point by Shah Vinaychand ७५. न्या.जै.श्री विजयानंद सूरि श्री पृथ्वीराजजी जैन : पृ.१४१-१५०
पर्व चतुर्थ - श्री आत्मानंदजी म.की अन्य विभूतियोंसे तुलना --- १. श्री विजयानंदाभ्युदयम् महाकाव्यम् - पं.हीरालाल वि. हंसराज . सर्ग-११/२९ २. हिन्दी साहित्यका इतिहास - डॉ. नगेन्द्र पृ.७२ . ३. पत्रिका-श्री महावीर शासन-वर्ष-४४-अंक-८-९-जैन रामकथाका स्वरूप व विकास-डॉ.शांतिलाल शाह पृ.८६ ६. प्रभावक चरित्र
श्री प्रभाचंद्र सूरिम. कुवलय माला
श्री उद्योतन सूरिम. ८. 'षोड़शक प्रकरण'-व्याख्यान संग्रह-प्रस्तावना-ले. हीरालाल कापड़िया-पृ.११ और १५ ९. आवश्यक नियुक्ति
गाथा ४२१ १०. श्री सुपार्श्वनाथ चरित श्री लक्ष्मणजी गणि ११. शास्त्रवार्ता समुच्चय-वृत्ति-उपा. श्री यशोविजयजी म. १२. श्री आत्मारामजी म. अने तेमना आदर्श गुणो . मुनि श्री चरण विजयजी म.-पृ.१३८ १३. 'सूरि पुरंदर' - श्रीमद्विजय भुवनभानु सूरिम. पृ.१-२ १३A. आ. श्री आत्मारामजीन व्यक्तित्व दर्शन-शाह पोपटलाल-पृ.१२ १४. श्री आत्मारामजी म.नो अमर काव्य देह - मोतीचंद कापड़िया - पृ.२२ १५. 'अज्ञान तिमिर भास्कर' . प्रथम खंड . श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म.सा.-पृ.१२१ १६. 'कलिलाल कल्पतरु' . जवाहरचंद्र पटनी-पृ.-२७३ १७. 'यशोदोहन'-प्रस्तावना-श्री यशोदेव सूरि म. १८. 'नृतत्त्व निगम (लोकतत्त्व निर्णय) . श्री हरिभद्र सुरीश्वरजी म. . श्लोक-३८ १९. सम्यक्त्व शल्योद्धार-उपोद्घात-श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म.-पृ.६-७
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