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________________ ३. ४. ५. ६. ७. ८. ९. १. २. ३. ४. ५. श्री आवश्यक निर्युक्ति- श्रीमद् मलयगिरिजी सूरिजी म. श्री उपासक दशांग सूत्र- सप्तम श्री कल्पसूत्र - श्रुतकेवली श्रीभद्रबाहु श्री कल्पसूत्र - (बालावबोध) पं. श्री क्षमाविजयजी गणि १०. ११. १२. श्री प्रज्ञापना सूत्र आर्य श्यामाचार्य टीका टीकाकार श्रीमद मलयगिरि सूरिजी म. १३. प्रज्ञप्ति ) - पंचम अंग- गणधर भ. श्री सुधर्मास्वामीजी १४. (व्याख्या प्रज्ञप्ति)- टीका टीकाकार- श्रीमद् अभवदेव सूरिजी म. १५. श्री भगवती सूत्र ( व्याख्या श्री भगवती सूत्र श्री भगवती सूत्र सार संग्रह - भाग - १ ले. श्री विद्या विजयजी म.सा. - विवे. पूर्णानंद सूरिजी म. श्री भगवती सूत्र सार संग्रह- भाग-२ ले. श्री विद्या विजयजी म.सा. विवे. पूर्णानंद सूरिजी म. १७. श्री समवायांग सूत्र - ( चतुर्थअंग ) - गणधर भ. श्री सुधर्मा स्वामीजी पत्रिकायें : १६. अनुसंधान (वार्षिक) संपा. श्रीमद्विजय शीलचंद्र सूरिजी म. हरिवल्लभ भावाणी पंजाबमें हिन्दीकी प्रगति-काशी नागरी प्रचारिणी सभा-सं. १९४४ अंग-संपा. डॉ. ए. एफ. रूडॉल्फ हॉर्नल स्वामीजी Jain Education International श्री कल्पसूत्र - श्रीमद्विनय विजयजी म. कृत 'सुबोधिका टीका' श्री कल्पसूत्र-सुबोधिका टीकाका अनुवाद अनु शाह श्रीमसिंह माणेकजी श्री कल्पसूत्र - सुबोधिका वृत्ति-संपा. शोभाचंद्रजी भारिल्ल श्री दस वैकालिक सूत्र रचयिता श्री शय्यंभव सूरिजी म. - - श्री नंदी सूत्र - 'बुद्धिस्टर रिव्यू- एफ. ओ. शाहरादेर श्री महावीर शासन- (श्री आत्मानंदजी विशेषांक) वर्ष ४४ अंक- ५-६ श्री महावीर शासन - ( श्री आत्मानंदजी विशेषांक) वर्ष - ४४- अंक ८-९ परिशिष्ट-३ श्री आत्मानंदजी म.का मुनिराज श्री चतुरविजयजी नगेन्द्र पृ. ४५७ पर्व प्रथम १. २. श्री विजयानंद सुरीश्वर स्तवनम् हिन्दी साहित्यका इतिहास डो. अज्ञान तिमिर भास्कर (प्रवेशिका) ४.५ हिन्दी साहित्यका उद्भव और विकास श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म.सा. - पृ. ३ ३. (खंड- २) - पृ. १४९ नगेन्द्र पृ. ४७७ - पृ. ४९५ हिन्दी विभाग- पृ. १७२ ८. ६, ७ हिन्दी साहित्यका इतिहास डॉ. जै. श्री आत्मानंजी ज.श. स्मा. ग्रन्थ ९. चिकागो प्रश्नोत्तर श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म.सा. पृ. ९२-९३ १०. जैन तत्त्वादर्श श्रीमद्विजयानंद सुरीश्वरजी म.सा. पृ. ५४ ११. श्री आत्म वल्लभ पूजा संग्रह प्रका. माणेकलाल नानजी VII For Private & Personal Use Only गद्य साहित्यम.सा. श्लोक-३० पूजा ढाल४-५ ( कुमारश्रमण ) (कुमारश्रमण ) www.jainelibrary.org
SR No.002550
Book TitleVijayanandji ke Vangmay ka Vihangavalokan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKiranyashashreeji
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1999
Total Pages206
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size18 MB
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