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( २३ ) अहखाय सुहुम केवलदुगि सुक्का छावि सेसठाणेसु । नरनिरयदेव तिरिओ, थोवा दु असंखणंतगुणा ॥४०॥ पण चउतिदु एगिंदी, थोवा तिन्नि अहिया अनंतगुणा तस थोव संखग्गी, भूजलानिलहि वणता । ४१ । मणवयणकायजोगी, थोवा असंखगुणा अणतगुणा । पुरिसा थोवा इत्थि, संखगुणाांतगुण कीवा ॥४२॥ माणी कोही माई, लोभी अहि मणनाणिणो थोवा । ओहि असंखा मइसुत्र, अहिअ सम असंख विभंगा।४३ केवलातगुणा, मइसुअन्नातिगुण तुल्ला । सुहुमा थोवा परिहार संख अहवाय संखगुणा ॥ ४४ ॥ बेा समई संखा, देस असंखगुणणतगुण अजया । थोव असंख दुणंता, ओहि नयण केवल अचक्खु ॥४५॥ पच्छाणुपुवि लेसा, थोवा दोसंखणंत दो अहिया । अभविअर थोवणता, सासण थोवोवसम संखा ॥ ४६ ॥ मीसा संखा वेग, असंखगुण खइा मिच्छ दु अनंता सन्निर थोवताणहार थोवेअर असंखा ॥४७॥ सव्वजिअद्वाण मिच्छे सग सासणि पापज्जसन्निदुगं
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