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गुरुलघुगा णतपएसिएसु चक्खुस्स रूविदव्वेसु । ओहिस्स गहणधारणजोग्गे सेसंतरायाणं ॥ ४९ ॥ वेउध्वियतेयगकम्मवन्नरसगंध निद्धलुक्खायो । सीउण्ह थिरसुभेयर अगुरुलघुगो य नरतिरिए ॥ ५०॥ चउरं समउयल हुगापरघाउज्जोय इहखगइसरा । पत्तेगतणू उत्तरतणूसु दोसु वि य तणू तइया ॥ ५१ ॥ देस विरयविरयाणं सुभगाएज्जजस कित्तिउच्चाणं । पुव्वाणुपुव्विगाए संखभागो थियाईणं ॥ ५२ ॥ तित्थयरं घाईणि य परिणामपच्चयापि सेसाओ । भवपच्चइया पुव्वुत्ता वि य पुव्वत्तसेसाणं ॥ ५३ ॥ घाई अजहन्ना दोपहमणुक्कोसियाओ तिविहाओ । वेयणिए एक्कोसा अजहन्ना मोहणीए उ ॥ ५४ ॥ साइअणाई धुव अधुवा य तस्सेसिंगा य दुविगप्पा आउस्स साइ अधुवा सव्वविगप्पा उ विन्नेया ॥ ५५ मउलहुगाणुकोसा चउन्विहा तिण्हमवि य जहन्ना णाइगधुवा य धुवा वीसाए होयणुक्कोसा ॥ ५६ ॥ तेवीसाए अजहन्ना विय एयासि सेलगविगप्पा |
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