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छण्हं सुरनेरइया ईसाणंता सुरा तिण्हं ॥ ६१॥ सेसाणं चउगइया ठिइमुक्कोसं करति पयडीणं । नकोससंकिलेसेण ईसिअहमज्झिमेणावि ॥६२ ॥ आहारगतित्थयरं नियहि अनियट्टि पुरिससंजलणं । बन्धइ सुहुमसरागो सायजसुच्चावरणविग्घ ।। ६३॥ छण्हमसण्णी कुणइ जहन्नठिइमाउगाणमन्नयरो। सेसाणं पज्जत्तो बायर एगिदियविसुद्धो ॥६४॥ घातीणं अजहन्नोणुकोसो वेयणीयनामाणं ॥ । अजहन्नमणुक्कोसो गोए अणुभागबन्धंमि ॥६५॥ साई अणाई धुवअद्भुवो य बन्धो उ मूलपयडीणं । सेसम्मि उ दुविगप्पो आउचउक्के वि दुविगप्पो ॥६६॥ अठण्हमणुक्कोसो तेयालाणमजहन्नगो बन्धो। नेओ हि चउविगप्पो सेसतिगे होइ दुविगप्पो ॥६७ ॥ उक्कोसमणुक्कोसो जहन्नमजहन्नगोवि अणुभागो। साई अद्भुवबन्धो पयडीणं होइ सेसाणं ॥६८॥ सुभपयडीण विसोहीए तिवमसुभाण संकिलेसेणं । विवरीए उ जहन्नो अणुभागो सवपयडीणं॥६९ ॥
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