SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 77
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ क० ४, १–१०; ५, १–७] [ ४ ] tris को वि वीरु 'जइ चवहि एव भज्जे । www तो रिता देमि जा जुत्तुं सामि - कज्जे ' ॥ १ ( हेलादुबई ) को वि भणइ 'गय- गण्ड वलभ्गहूँ आणविँ मुत्ताहलइँ धयग्गहूँ' ॥ २ को वि भणइ 'र्ण विलेमि पसहणु जाम ण भञ्जमि राहव- साहणु ॥ ३ को वि भइ 'मुह-पंत्ति ण इच्छमि जाम ण सुहड-झंडक पडिच्छमि ॥ ४ को वि भइ 'ण. णिहालमि दप्पणु जाम्व ण रणें विणिवाइउ लक्खणु ॥ ५ को वि भइ 'यणइँ अञ्जमि जाम्व ण सुरवहु - जण मणु रञ्जमि' ॥ ६ को वि भणइ 'मुहें पणुं ण लायमि जाम्व ण रुण्ड - णिवहु णच्चावमि' ॥ ७ को वि भणइ 'णउ सुरउ समाणमि जाम्व ण भडहुँ कुल-क्खर आणमि ॥८ ॥ को वि भणइ 'धर्णे फुल्ल ण वैन्धमि जाव ण सैंरवर- धोरणि सन्धमि' ॥ ९ ( रयडा णोमं छन्दो) जुज्झकण्ड - एकुणसट्टिमो संधि [१७ ॥ घत्ता ॥ 15 को वि भणइ धणें " 'णउ आलिङ्गमि जाम्व ण "दन्ति दन्ते आलग्गमि' । को वि कैरइ णिवित्ति आहरणहों जाव ण दिण्ण सीय दहवयणहों ॥ १० is 'णाह णाह समरङ्गण-काले उत्थरन्त-वर-वीर-संमुद्दे मत्त-हत्थि - गलगज्जिय-सदे का विरि परिहासइ ऐमं काविणारि पडिवोहइ णीहं का विणारि पडिचुम्वणु देइ [५] 'गरुअ-पओहराऍ अच्चन्त - णेहिणीए । रणें पइसन्तु को वि सिक्खविउ रोहिणीए || १ ( हेला दुवई ) तूर - भेरि - दडि सङ्घ- वमाले ॥ २ सीह - णाय-र-णाय - उदे || ३ अभिडिज्ज पर राहवचन्दे ॥ ४ 'तेम जुज्झु णउ लज्जमि 'जेमं' ॥ ५ 'भग्गमाणे पइँ जीवमि णाहं' ॥ ६ को वि वीरु अवहेरि करेइ ॥ ७ 8 4. 1 P s read हेलादुबई, A हेला in the beginning. 2 A भई. 3 P तहे जे, s तहिजे. 4 Ps जुत्त. 54 दंड. 6 Ps आणवि, A आणई. 7 Psणउ 8Ps वित्ति 9 Pक, ''च्छडक्क. 10 Ps अंक्खिउ 11 A पण्ण. 12 P s वंधवि. 13 Ps रणे सरभोरणि संघवि. 14 Missing in P s. 15 A धणे णउ 16 Ps दंति दंति आलिं(s) गमि, 4 दंते. 17Ps करचि. 18 P s आहार हो. 5. 1 Ps read हेलादुवई, A हेला in the beginning. 2P ओहरीए, 3 पउहए. 3Ps समरंगणे. 4s समुद्दहो. 5s °रउद्दहु. 6 A अब्भिट्टेजे. 7 A एम्व. 8 8 जेवं, 4 जेम्व 9 P णारें, 5 णाहें. [५] १ ब्रवीति. Jain Education International पउ० च० ३ 5 For Private & Personal Use Only 20 • www.jainelibrary.org
SR No.002525
Book TitlePaumchariu Part 3
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1960
Total Pages388
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy