________________
क०९,१-९,१०,१-31].
उज्झाकण्डं-छवीसमो संघि [४७.
[९] जं कण्ठ-विउ जीव॑ कुमारहाँ सण्णऍ वुत्तु 'पहिउ हक्कारहों ॥१ पहु आणऍ पाइक्क पधाइय णिविसद्धे तहाँ पासु पराइय ॥२ पणवेवि वुत्तु ति-खण्ड-पहाणउ "तुम्हहँ काई मि कोकइ राण' ॥ ३ तं णिसुणेवि उच्चक्रिउ जणदणु तिहुअण-जण-मण-णयणाणन्दणु ॥ ४ । वियड पओह देन्तु णं केसरि कन्दइ भारकन्त वसुन्धरि ॥ ५ दिट्ट कुमार कुमारे 'एन्तउ मयणु जेम जण-मण-मोहन्तउ ॥ ६ . खणे कल्लाणमालु रोमश्चिउ गंडु जिह हरिस-विसाऍहिँ णञ्चिउ ॥ ७ पुणु वइसारिउ हरि अद्धासणे भविउ जेम थिउ दिढु जिण-सासणें ॥८
॥ घत्ता ॥ वटु जणदणु आलीढऍ मञ्च रवण्णऍ। णव-वरइत्तु व पच्छण्णु मिलिउ सहुँ कण्णएँ ॥९
[१०] वे वि वइट वीर एक्कासणे चन्दाइच जेम गयणगणें ॥१ एक्कु पचण्डु तिखण्ड-पहाणउ अण्णेकु वि कुवर-पुर-राणउ ॥२. । एक्कहाँ चलण-जुअलु कुम्मुंण्णउ अण्णेक्कहाँ रत्तुप्पल-वणंउ ॥ ३ । एकहाँ ऊरू(१)-जुअलु K-वित्थर अण्णेकहाँ सुकुमारु सु-मच्छरु ॥४ पञ्चाणण-कैडि-मण्डलु एक्कों णारि-णियम्व-विम्वु अण्णेक्कहाँ ॥५ एकहों सुललिउ सुन्दर अगाउ अण्णेकहाँ तणु-तिवलि-तरङ्गाउ ॥ ६ एकहाँ सोहइ वियडु उरत्थलु अण्णेकहाँ जोवणु थण-चकलु ॥ ७ ॥ एक्कों वाहउ दीह-विसालउ अण्णेकहाँ णं मालइ-मालउ ॥८ वयण-कमलु पप्फुल्लिउ एकहाँ पुण्णिम-चन्द-रुन्दु अण्णेकहाँ ॥९ । एक्कहों गो-कमलइँ वित्थरिय अण्णेकहाँ वहु-विन्भम-भरियइँ॥ १० एक्कहाँ सिरु वर-कुसुमहिं वासिउ अण्णेकहों वर-मउंड-विहूसिउ ॥ ११
9. 1 s A जीउ: 2 s °आणइं. 3 SA पहाणउं. 4 s तुम्हइ. 5 P S A काई. 6A राणउं.7 PS णिसुणेविणु चलिउ. 8 A फंदइ.9 A जडु. 10 A णच्चिउं. 11 F S वहट्ट. 12 s रवण्णएं. 13 3 कण्णई.
10. 1 PS पचंड. 2 P A °पहाणउं. 3 PS A राणउं. 4A कुम्मुणउं. 5 PS A वण्णउं. 6 PS सवित्थरु. 7 P समच्छरु, S सुमंगलु. •8 P S पंचागणु. 9 A °करि. 10A णियंत्रु विव. 11 PS वियड. 12 A अण्णेकहे. 13 P reverses cand b here. 14 PS वंदु, A °इदु.15Ps °मउडु.
[९] १ आगच्छन्तः ( = आगच्छन् ). [१०] १ कूर्मोन्नतः. २ नारी-नितम्ब-सदृशम्. ३ चक्षुःकमलानि.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org