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कविराज - स्वयंभूदेव - रचित
पउमचरिउ
अपभ्रंश भाषाग्रथित महाकाव्यात्मक जैन रामायण ] विविध विस्तृत पाठभेद, प्रस्तावना, विशिष्ट शब्दकोष, परिशिष्टादि समन्वित
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"डॉ. हरिवल्लभ चूनीलाल भायाणी एम. ए., पीएच्. डी.
( प्राध्यापक, संस्कृत एवं प्राचीन गुजराती साहित्य, भारतीय विद्याभवन )
विक्रमाब्द २०१० ]
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संपादक
भारतीय
विद्या
seg from बंबई
भवन
द्वितीय भाग
( अयोध्या काण्ड एवं सुन्दर काण्ड )
प्रकाशक
सिंघी जैन शास्त्र शिक्षा पीठ भारतीय विद्या भवन बंबई
प्रथमावृत्ति, पंचशत प्रति
[ ख्रिस्ताब्द १९५३
ग्रन्थांक ३५० ] भारतीय विद्या भवन द्वारा सर्वाधिकार सुरक्षित [ मूल्य रू. १०-८-०
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