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________________ ३२४ विराहिय 4021, 40510, 4071, 44 11 6, 42 12 3, 43 9 13 etc. विराधित. पउमचारउ 'विसल° 3025 विशल्य. विसाल 23 15 8 विशाल. विसाला 56 13 3 विशाला. विहीण 211, 2115, 9, 40154, 41 11 1, 49 13, 52 1 10 etc. विभीषण. विसगइ 26 26 विंशद्गति. विसल्ला 21 144 विशल्या. वीपाणि 38 18 1 [ विंशतूपाणि ] रावण. 4983 of वेउलदेश ( cf. चेउल्लियाँ) वेलन्धर - पुर 5691. सच्चाई 2246, 2272 सत्यभूति. सच्च सिरी 56 13 3 सत्यश्री. सञ्जय 45 48 of Sañjana ( नगर ). सढ 23 156 शठ. सत्तदमण 3187, 31 146, सत्तुदवण 42 27 [ शत्रुदमन ] अरिदमन. सतहण 2149 2274, 22 109, 24 8 8, 38 15 7 etc. शत्रुघ्न. सान्त° 2589 शान्ति. समीरणि 48152 [ सामीरणि ] हनुमत्. समुद्द 56 102, °56 109, °56 114, 56 12 1 समुद्र. समुद्दावत 21 123, 3411 1, 387 2 समुद्रावर्त; मयरहरावत्त 50 2 1 [ मकरगृहावर्त्त ]; सायर 21 13 5, 23 14 4, 27 1, 32 2 8 [ सागर ] समुद्रावर्त (धनुष् ). सम्बु 3799; सम्बुकुमार 3635, 3749, 40 5 3, 40 18 1, 41 1 9, 42 3 3, 4591, 44 4 2 etc. शम्बुकुमार; सम्मुक्त 44 144 शम्वुक. सल° 30 25 शल्य. सिके 22 64 [ शशिकेतु ] चन्द्रध्वज. ससिह 27 2 2 शशिप्रभ. ससिवद्ध 21 14 1 शशिवर्धन. सहसकूड 2572, 26 15 सहस्रकूट [ जिनालय 7. Jain Education International सहसग 43 18-6 सहस्रगति; दनस्यगइ 47 89 [ दशशतगति ] सहस्रगति. सहसवाहु 30 97 सहस्रवाहु. सहसमइ 40154, 42 11 4 सहस्रमति. संभव 25 83. सायर see समुद्दावत्त. सायरवुद्धि 21 1 21 1 1 सागरबुद्धि. सारङ्गधर 26 16 1 [ शार्ङ्गधर ] लक्ष्मण. साहसगइ 4729, 4732, 4796, 47 104, 4946 साहसगति. सिङ्गारिया 4987 of Singāra city ? सिङ्गल 4547, 4982 सिंहल सिद्धकूड 2399, 2461 सिद्धकूट ( जिना लय ). सिद्धपुर 33 102 सिद्धार्थपुर सिन्धव° 302 10 सैन्धव. सिन्धव 49 89 सैन्धव of Sindhu country. सिरिकन्त 44 115 श्रीकान्त. सिरिवच्छ 27 21, 364 1 [ श्रीवत्स ] लक्ष्मण. सिरिसइल 4552, 5157, सिरीसेल 46.8 4 [ श्रीशैल ] हनुमत्. सिरिहर 28 111 [ श्रीधर ] लक्ष्मण. सीय 2154, 2277, 21119 25 20 6 etc. सीता; सीया एवि 2362, 9 सीतादेवी. सीयल 25 8 6 शीतल. सीरकुडुम्aिr 24 157, 251, 2569 सीरकुटुम्विक सीरपहरण 24 102 [ सीरप्रहरण ]; सीराउह 26 18 9 [ सीरायुध ] राम. "सीह विकन्त 3025 सिंहविक्रान्त. सीहोर 25 13, 2559, 258 12, 25 12 3, 25 16 2, 25 17 5, 25 20 7, 26 34, 30 16 etc. सिंहोदर. सुग्गीव 4015, 42122, 43312, 44 7 7, 44 16 9 etc. सुग्रीव. 'सुगुत्त 34 117, 351, 4231 सुगुप्त. घोस 2873, 3283 सुघोषा ( वीणा ). For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002524
Book TitlePaumchariu Part 2
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages370
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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