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पउमचरिउ [क०१४,२-१०,१५,1-1. 'जं सयल-काल कण्णारियउ अङ्खस-खर-पहर-वियारियउ ॥२
आलाण-खम्भे जं आलियउ जं सङ्खल-णियलहिँ णियलियउ ॥ ३ । तं सर्यलु खमेजहि कुम्भि महु' "तहिं पच्चक्खाणउ लइउ लहु ॥ ४ 'जइ पत्त वत्त कन्तहें तणिय तो णउ णिवित्ति गई एत्तडिय ॥५ 5 जइ घ. पुर्ण एह ण हूय दिहि तो एत्थु मज्झु सण्णास-विहि' ॥६ थिउ मउणु लएवि णराहिवड झायन्तु सिद्धि जिह परम-जइ ॥७ सच्छन्दु गइन्दु वि संचरइ सामिय-सम्माणु ण वीसरइ ॥ ८ पडिरक्खइ पासु ण मुअइ किह भव-भव-किउ सुक्किय-कम्मु जिह ॥९
॥ घत्ता ॥ ॥ ताम रुअन्तें पहसिऍण अक्खिउ जणणिहें वुण्णाणणहें । 'एउ ण जाणहुँ कहि मि गउ मरुएउ विओएं अञ्जणहें' ॥ १०
[१५] तं णिसुणेवि सबगिय-पसरिय-वेयणा ।
पवण-जणणि मुच्छाविय थिय अच्चेयणा ॥ १ 15 पवालिय हरियन्दण-रसैंण उज्जीविय कह वि पुण्ण-वसेंण ॥२ "हा पुत्त पुत्त दक्खवहि मुह हा पुत्त पुत्त कहिँ गयउ तुहुँ।।३ हा पुत्त आउ मह कमेंहिँ पढे हा पुत्त पुत्त रहगऍहिँ चई ॥ ४ हा पुत्त पुत्त उववणेहिँ भमु हा पुत्त पुत्त झेन्दुऍहिँ रमु ॥ ५ हा पुत्त पुत्त अत्थाणु करें हा पुत्त महाहवे वरुणु धेरै ॥ ६ . हा वहुऍ वहुएँ मइँ भन्तियएँ तुहुँ घल्लिय अपरिक्खन्तियएँ' ॥७
पल्हाएं धीरिय 'लुहहि मुहुँ णिक्कारणे रोवहि काइँ तुहुँ॥८ हउँ कन्ते गवेर्समि तुव तणउ इमैं मेइणि-मण्डलु केत्तडउ' ॥ ९
॥ घत्ता ॥ एम भणेवि णराहिण उवयारु करेंवि सासणहरहुँ । . उभय-सेढि-विणिवासियहुँ पट्टविय लेह विजाहरहुँ ॥ १० 3PS मालाणे. 4 PS संकल°. 5 P वयणु. 6 Ps वे. 7 SA गय. 8 P घेई, घर, A पहं.9 Ps पुण. 10 PS A गयंदु. 11 PS किय. 12 PS जाणहु, A जाणहं.
15. 1A सव्वं गिउ. 2 A °वेयण. 3 PS गयणिच्चेयणा, A थिय अच्चेयण. 4 9 पुण्णहो. 57 पडू. 6 P चडू. 7 P झेंदुएहि, s झिंदुयहि, A झिंदुवहिं. 8 PSA मुहूं. 9PS गषेसर. 10P एउ. 11 PS सासणहरहं. 12 P विजाहरहं.
[१५] १ बूतानाम्.
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