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पउमचरिउ
[क०४,१-१0५,-. [४] सुरवर-किङ्करेहिँ उत्थरेंवि अहिमुहहिँ।
लइ पसण्णकित्ति तिक्खेहिँ सिलिमुहेहि ॥ १ तो एत्थन्तरें दिढ-भुअ-डालें ___रावण-पित्तिएण सिरिमालें ॥२ । रहवर वाहिउ सुरवर-वन्दहों पढमउ 'भिट्ट महाहवें चन्दहों ॥३
कुन्त-विहत्थहों सीहारूढहाँ जयसिरि-पवर-णारि-अवगूढहाँ ॥४ 'अरे स-कलङ्क वङ्क महिलाणण पुरउ म थाहि जाहि मयलञ्छण' ॥५ तं णिसुणेवि ओखण्डिय-माणउ ल्हसिउ मियंक थक्कु जमराणउ ॥ ६
महिसारुदु दण्ड-पहरण-धरु तिहुअण-जण-मण-णयण-भयङ्कर ॥७ ॥ सो वि समुत्थरन्तु दणु-दुट्टउ किउ णिविसद्धे पाराउट्ठउ ॥ ८ ताम कुवेरु थक्कु सवडम्मुहु किउ णाऍिहिँ सो वि परम्मुहू ॥९
॥ घत्ता ॥ सिरिमालि धणुद्धरु रणमुहें दुद्धरु धरेंवि ण सक्किउ सुरवरहि । संताउ करन्तउ पाण हरन्तउ वम्महु जेम कु-मुणिवरेंहि ॥ १०
भग्ग कियन्ते समरें तो ससि-कुवेर-राएं।
केसरि-कणय-हुअवहा मल्लवन्त-जाएं ॥ १ । तिणि वि भिडिय खत्तु आमेल्लेवि धय-धूवन्त महारह पेल्लेवि ॥ २
तीहि मि समकण्डिउँ रयणीयरु णं धाराहर-धणेहिँ महीहरु ॥३ ॥ सरवर-सरवरेहिँ विणिवारिय तिण्णि वि पुट्टि देन्त ओसारिय ॥४
अमर-कुमार णवर उद्धाइय रिउ जिह एक्कहिँ मिलेंवि पराइयं ॥५ लइय सिलीमुहेहिँ सिरिमालिं परम-जिणिन्द-चरण-कमलालिं॥६ अद्धससीहिँ सीस उच्छिण्णइँ णं णीलुप्पलाइँ विक्खिण्णइँ ॥७
जउ जउ जाउहाणु परिसक्का तउ तउ अहिमुहु को विण थक्कइ॥८ 25 णिऍवि कुमार-सिर छिजन्तइँ रण-देवयहें वलि 4 दिजन्तइँ ॥९
4. 1 P लइअउ. 2 PS A सिलीमुहेहिं. 3 P°विंदहो. 4 A पढमुभिट्ट. 5 PS अखंडिय. 6 A मयंकु. 7 P marginally, 'रणे' पाठे; A रणे. 8 P 3 णाराएं. 9 PS रणउहे. 10 P कुमुणिवरहुं, कुमुणिवरहो.
b. 1A भग्ग. 2 PS कियंत. 3 °रायणं. 4 5 °आयेणं. 5 PS A मामेल्लिवि. 6 P SA पेल्लिवि.7 A समकुंडियउ. 8 PS जमजीह एक्किहि. 9A पधाइय. 10 PS सिरिमालें. 11 चरणकमलाहिं. 125 सीसह. 13 PS वि.
[४] १ समूहस्य. २ भेड. ३ भालिहितस्य. [५]१'तिण्णि वि मिडिय' इति सम्बन्धः.
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