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पउमचरित कि० १२, १-९,१३,१-९
[१२] जसु एहउ अस्थि 'सहाउ दुग्गु अण्णु वि साहणु अश्चन्त-उग्गु ॥ १ जसु अट्ठ लक्ख भद्दहुँ गया वारह मन्दहुँ सोलह मयाहुँ ॥२ संकिण्ण-गइन्दहुँ वीस लक्ख रह-तुरय-भडहँ पुणु णत्थि सङ्ख ॥ ३ एहड पहिलारउ मूल-सेण्णु वलु वीयउ मिच्चहँ तणउ अण्णु ॥४ तइयउ सेणी-बलु दुण्णिवारु चउथर्ड मित्त-वलु अणाय-पार ॥५ दुजउ पञ्चमउं अमित्त-सेण्णु छट्ठउ आडविउ 'अणाय-गण्णु ॥ ६ रावण पुणु वूहहँ णाहि छेउ अमरा वि वलहँ ण मुणन्ति भेउ ॥ ७ हय-गय-रह-णर-जुज्झहुँ तहेव सो सुरवइ जिजइ समरें केव' ॥८
॥ घत्ता ॥ वुच्चइ दहवयणे 'जइ तं जिणमि ण आहयणे । तो अप्पउ घत्तमि जालामालाउलें जलणें ॥ ९
[१३] इन्दई पभणइ 'सुर-सार-भूअ किं जम्पिएण वहवेण दूअ ॥ १ 18 जं किउ जम-धणयहुँ विहि मि ताहँ जं सहसकिरण-णलकुवराहँ ॥ २
तं तुहं वि करेसइ ताउ अज्जु लहु ठाउ पुरन्दरु जुज्झ-सज्जु' ॥ ३ तं वयणु सुणेवि उद्वन्तरण चित्तौं वुच्चइ जन्तएण ॥ ४ 'णिम्मन्तिओ-सि इन्देण देव 'विजयन्तै इन्दइ तुहु मि ते ॥५ सिरिमालि कुमारहिं ससिधएहिँ सुग्गीव तुहु मि सीहद्धएहिँ ॥६ जमराएं जम्बव-णील-णलहों हरिकेसिं हत्थ-पहत्थ-खलहों ॥७ सोमेण विहीसण कुम्भयपण अवरेहि मि केहि मि के वि अण्णं ॥८
॥ घत्ता ॥ परिवाडिएँ सुम्हेहुँ दिण्णउ एउँ णिमन्तमा । भुञ्जेबल सव्वहि गरुअ-पहारा-भोवर्णउ' ॥ ९
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12. 1A णाहि. 2 A सवल०. 3 A तइउ, 4 PS चउत्थउ. 5 PS मारु. 6 P पंचमउं,
मु. 7 P S ताहिं. 8 A जुझंह. 9 P S जालाउले अलंतजलणे. 13. 1 A °धणयहं. 2 5 तुहु मि. 3 Pणेमंतिउसि, 5 मंतिओसि. 4 PS सेण. 5 P सिस्मिाले. 6 PS हरिकेसी. 7 PS विहीसणु कुंभयण्णु. 8 S अवरेहिं हणेसमि.9 PS. अणु. TOP पडियाडिए. 11 A एउ. 12 A तुह्म. 13 P भुंजेवउ, S भुंजेहउ. 14 PS यहार रण. भोयणउ. 15 s wrongly numbers this Kadavaka as ॥ १४ ॥
[१२] १ सहाय, सद्भावो वा, दुर्गम्. २ अशातगणणा. [१३] १ इन्द्रपुत्रेण..
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