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उ णारउ कहि मि हङ्गणेण " ' पर - गूढपुरिस ण विसन्ति जेम एत्तडिय परोपरु वोल जाव पुर- रावि हु संथवन्तु रण- दुग्ग-परिग्गह-महि नियन्तु वहुसंथ - बुद्धि-णीउ सरन्तु स-सणे समाच्छिउ कवि वइसण दिणु संवाहुँ थोरु पुज्जेपिष्णु कैप्पिणुं गुण-सयाइँ
तं मन्ति-वयणु पडिवण्णु तेण सिक्खas पुरन्दरु किं पि जाम 'ओसारेंवि दिज्जइ कण्ण-जाउ आवेसइ इन्दहों तणउ दूउ सो भेउ करेसइ णरवरा हूँ सहुँ तेण महुर-वंयणेहिं तेव
सो थोवर्ड तुहुँ पुणु पवलु अज्जु एत्थु जें अवसरें संगी में संकु
मरु-जगे दसाणण याराँ तहाँ मइँ
पउमचरिउ
वुच्चइ चित्तङ्गेण तं कवणु दुल
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[6] चित्तङ्गङ कोड तक्खणेण ॥ १ गउ णारउ रावण भवणु ताम ॥ २ परिरक्खहि खन्धावारु 'सोड || ३ चवीस- पवर-गुण-सार-भूउ ॥ ४ सुग्गी-मुह - विज्जाहराहँ ॥ ५ वोलिज सन्धि ण होइ जेव ॥ ६ आवग्गड जें लइ हरेवि रज्जु ॥ ७ सङ्किर्ज तो पुणु असक्कु ॥ ८
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॥ घत्ता ॥
जं पइँ विहँ रक्खियउ । परम - भेउ ऍहु अक्खिय' ॥ ९ [8]
[ क०८, १९९,१-१०
सेणावर वृत्तु दसाणणेण ॥ १ परिरक्खहि खन्धावारु तेम ॥ २ चित्त स- सन्दणु आउ ताव ॥ ३ णक्खन्तोमालियहन्तिं-वन्तु ( ? ) ॥ ४ उत्तरहों पडुत्तरु चिन्तवन्तु ॥ ५ मारिच्चि भव इसइ तुरन्तु ॥ ६ fue पासु परिन्दों करें धरेवि ॥ ७ चूडामणि कण्ठउ कड दोरु ॥ ८
पुणु पुच्छर 'वहु पमाणु काइँ' ॥ ९
॥ घत्ता ॥
'किं देवों सीसइ परेंण ॥
जं विदि दिवाण' ॥ १०
ण
8. 1 A सावु. 2 A वयणेण. 3P SA वोलिजइ. 4 Ps थोडउ 5 Ps वि. 6 Ps संगम. 7 A सक्किजइ. 8Ps विप्पहु .
9. 14 पुरपरवहारि. 2 P पहु, marginally records बहु. 3 P संछबंद; marginally records संभवंतु, A सत्थवंतु. 4 P °तिबंद 5A दुग्गयडिंभहं. 6s ° भवणि, 4 भवण. 7s सालणहु. 8 A पासे 9PS संवाद 10 P कणउ 11 Ps डोरु. 12 A अपि. 13 A चित्तंगे. 14 A देवहूं. 15 A दुलंघु.
[८] १ सर्व्वम्. २ समर्थः .
[९] बहुविचार - बुद्धिः २ ताम्बूलः ३ कथयित्वा .
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