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पउमचरिउ [क०७,२-1016-1. तं सडु सुणेवि मणोहरेण सुरवर-करि-कुम्भ-पयोधरेण ॥ २ केऊर-हार-णेउर-धरेण खणखणखणन्त-कङ्कण-करेण ॥ ३ कञ्ची-कलाव-रहोलिरेणं मुह-कमलासत्तिन्दिन्दिरेण ॥४ विन्भम-विलास-भूभङ्गुरेण हाहारउ किउ अन्तेउरेणं ॥ ५ . : 'हा हा दहमुह जय-सिरि-णिवास दहवयण दसाणणं हा दसास ॥ ६ वीसद्ध-गीव वीसद्ध-जीह दससिर सुरवर-सारङ्ग-सीह' ॥ ७ मन्दोवरि पभणइ 'चारु-चित्तं अहों वालि-भडारा करें परित्त ॥८ लकेसहो जाइ ण जीउ जाम भत्तार-भिक्ख महुँ देहि ताम' ॥ ९
॥घत्ता ॥ " तं कलुण-वयणु णिसुणेप्पिणु धरणिन्दै उद्धरि धरु । मघ-रोहिणि-उत्तर-पत्तेण अङ्गारेण वै अम्वुहरु ॥ १०
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॥ दुवई ।। सेल-विसाल-मूल-तल-तालिउ लङ्काहिउ विणिग्गओ।
केसरि-पहरे-णहर-खर-चवढणं-चुक्को इव महग्गओ ॥ १ लुअ-केसर-उक्खय-णह-णिहाँउ णं गिरि-गुह मुऍवि मइन्दु आउ ॥२ कुण्डलिय-सीस-कर-चरण-जुम्मु णं पायालहों णीसरिउँ कुम्म ॥ ३ कंक्खड-झड-णिसुढिय-फर्ड-कडप्पु णं गरुड-मुहहों णीसरिंउ सप्पु ॥४ मयलञ्छणु दूसिउ तेय-मन्दु णं राहु-मुहहों णीसरिउ चन्दु ॥५ गउ तेत्तहे "जेत्तहे गुण-गणालि अच्छइ अत्तावर्ण-सिलहिँ वालि ॥६
परिअञ्चेवि वन्दिउ दससिरेण पुणु किय गरहण गग्गर-गिरेण ॥ ७ , 'मइँ सरिसउ अण्णु ण जगें अयाणु जो करमि केलि" सीहें समाणु ॥८ मइँ सरिसउ अण्णु ण मन्द-भग्गु जो" गुरुहु मि करमि महोवसग्गु ॥९
॥घत्ता ॥ ४ "जं तिहुवण-णाहु मुएप्पि] अण्णहों णमिउ ण सिर-कमलु ।
___ तं सम्मत्त-महदुमहो" लडु देव पइँ परम-फलु ॥ १० 2 P°करंत', s °करंतु. 3 PS खोलिएण. 4 A सुह. 5 Ps सत्ती'. GA अंतरेण. 7 4 दसासण. 8 A सुरवइ.9 PS °चित्त. 10 P परितु. 11 P°भिवखु. 12 PS तुहु. 13 PS पञ्चुद्धरिउ. 14 P wanting, A वि.
8.1s wanting. 2 PA°चवडण.3P महग्गउ, A महागओ. 4 PSणहणियाड. 5P°सीस.6 Pणीसरिय.7 PS °फण.8A दसिय.9 PS जेत्तहे तेत्तहे. 10 PS अत्ता. वणि. 11A °सिलह. 12 PS परिचिवि, A परियं चित्र. 13 Pजें, जं. 14 PS कील. 15 A जं. 16 करइ गुरुहु मि महोवसग्गु. 17 जु. 18 A णिएप्पिणु, 19 PS णमिउ ण अपणहो. 20 SA सम्मसु. 21 This pāda is defective by one mora. २ पर्वतं (१) प्रत्युद्धरितम् ( P's reading ). [८] १ प्रहतः. २ कर्कश. ३ भन्न.
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