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पउमचरिउ [क० १,७-९,२, १-९,३,१-४ जहुँ सबङ्गइँ खण्डेंवि खण्डेवि किय गउ को वि पैडीवउ छैण्डेंवि ॥७ कामिणि-वयणोहामिय-छाय किये ससि-सयइँ मिलेप्पिणु आयइँ ॥८'
॥घत्ता ॥ कहइ सुमालि दसाणणहों 'जण-णयणाणन्द-जणेराई। । जिण-भवणइँ छुह-पङ्कियइँ एयइँ हरिसेणहों केरीइँ ॥९
[२] अट्ठाहियहें मज्झें महि सिद्धी णव-णिहि-चउदह-रयण-समिद्धी ॥१ पहिलऍ दिवसें महारह-कारणे जाणेवि जणणि-दुक्खं गउ तक्खणे ॥ २
वीयएँ तावस-भवणु पराइर्ड मयणावलिहें मयण-जरु लाइउँ ॥ ३ . 16 तइयएँ सिन्धुणयरे सुपसण्णउँ हत्थि जिणेप्पिणं लइयउ कण्ण॥४ 'वेयमईऍ चउत्थऍ होरिउ जयचन्दहें हियवऍ पइसारिउँ ॥५ पञ्चमें गङ्गाहर-महिहर-रणु तहिँ उप्पण्णु चक्कु तहों स-रयणु ॥६ छट्टएँ पिहिमि हूअ आवग्गी अण्णु वि मयणावलि करें लग्गी ॥ ७ सत्तमें गम्पि जणणि जोकारियं अट्ठमें दिवसे पुज्ज णीसारिय ॥ ८
॥ घत्ता ॥ . ऎय तेण वि णिम्मियइँ ससि-सङ्घ-खीर-कुन्दुंजलइँ। आहरण व वसुन्धरिहें सिव-सासय-सुहइँ व अविचलइँ॥९
[३] गउ सुणन्तु हरिसेण-कहाणउँ सम्मेय-इरिहिं मुंकु पयाणउँ ॥१ • तामै णिणाउ समुट्ठिउ भीसणु जाउहाण-साहण-संतासणु ॥२
पेसिय हत्थ-पहत्थ पधाइय वण-करि णिऍवि पडीवा आइय ॥३ 'देव देव किउ जेण महारउ अच्छइ मत्त-हत्थि अइरावउ ॥४ 18 A जजस. 19 P सवंगएं. 20 PS कोडि. 21 A छिंडेवि. 22 P मिलोप्पणु. 23 A पंकयई. 24 A कैराइ. - 2. 1 A अट्ठादियहे. 2 P °चउद्दह. 3 P S पहिलहि. 4 s °दुक्ख. 5 P वीभएं, 5 वीययू. 65 परायउ.7 Pमायणु. 8 5 लायउ.9 P A सुपसण्णउं, S संपण्णउ. 10 A जिणेविणु. 11 A कण्णउं. 12 A वेयवईए. 13 s पइसारियउ. 14 A सहसारणु. 15A जणणि गंपि. 16.P जोकारिय corrected to जयकारिय. 17 तिण्ण. 185 °कंदु.° 19 PS वाल.
3. 1 A °कहाणउं. 2 5 मुक्क. 3 A पयाणउं. 4 P S ताव. 5A missing 6s णियवि. 7 A अहरउरउ. २ कृत (१). ३ पुनः. ४ कृता (2). [२] १ वेगमत्या. २ चौरितः. ३ स्वाधीना. ४ एतानि. [३] १ राक्षसानाम् .
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