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________________ INTRODUOTION 236 229 एम भणेंविणीसरिउ ससाहणु 11 106b. 229 VP. निग्गओ जमो xx रहगयतुरङ्गसहिओ। 8238. 230 तं णिसुवि xxx 230 इति श्रुत्वा सुराधीशः संग्रामाय कृतोद्यतिः किर णिग्गइ सण्णहेंवि पुरन्दर, निरुद्धो मन्त्रिवर्गेण । 8 487. भग्गऍ ताम मन्ति थिउ 11 13 1-200. VP. एयं जमस्स वयणं सुणिऊण रणारम्भ कुन्वन्तो xx मन्तीहि निवारिओ। 8 252, 231 सुरसंगीयणयरु जमरायहाँ। 11 13 6b. 231 प्राप्य वा सुरसंगीतपुरस्य पतितां यमः । 8494a. 232 दहमुहो वि जमउरि उच्छुत्यहाँ 232 नगरे सूर्यरजसे ददौ किष्किन्धसंज्ञकं किक्किन्धउरि देवि सूररयहाँ। 11 13 8. तथरजसे किष्कुपुरम् । 8 4976-4986. VP. अह रावणो-वि पत्तो आइच्चरयस्स देइ किक्विन्धी । रिक्खरयस्स वि दिन्नं रिक्खपुरं । ___8 255. 233 गउ लङ्कह सवर्डमुहउ 233 आरुह्य पुष्पकं चारुविमानम् । 8 502b. णहें लग्ग विमाणे मणोहरउ। 11 13 9. त्रिकूटशिखरं xxx प्रस्थितः। 8 503. VP. पुप्फविमाणारूढो उप्पइओ दहमुहो गयणं, वञ्चइ लङ्काभिमुहो। 8 256b-257a. 234 भीसण। 11 14 1a. 234 °भीषणम् । 8 509a. 235 किं तमालतरु-पन्तिउ। 11 14 3a. 235 तमालवनसंकाशम् । .85086. दणील। 11143b. 236 नाना-रत्न-कर-बातम् । 85096. (b) मरगय । 11144b. (c) सूरकन्ति-मणि। 11 14 56. 237 "जल-कल्लोल। 11 14 6b. 237 °ऊर्मिसंहतिम् । 85086. 238 परिभमन्ति xxxजलयर। 11 14 7b. 238 महाग्राहसमाकुलम् । 8508a.. 239 जणु णीसरिउ सव्वु परिओसें। 239 सर्वे पौराः समागत्य xxx आनर्तुः । __11 14 9a. 8521. VP. सव्वे वि नायर-जणो विणिग्गओ अहिमुहो। 82716. 240 णन्द-बद्ध-जय-सह-पउत्तिहि11 14 10a. 240 जय नन्द चिरंजीव वर्धखो देहि संततम् । इति मङ्गलवाक्यानि प्रयुञ्जानाः। 8 505. 241 अग्घपत्ता 11 14 10. 241 गृहीताम्। 8519. 242 (a) लङ्काहिवइ पइट्ट पुर। 242 (a) प्रविवेश निजामीशो लङ्काम् । 1114 11a. 85186. (b) जिह सुरवइ । 11 14 11b. VP. लङ्कापुरी पविट्ठो दहवयणो। 8 2016. (b) त्रिदशेश इव । 8 518b. VP. इन्द-सम-विभवो। 8 2016. : 243 ता मेरुहें भवि, जिणवरु णवेवि, 243 VP. जम्बुद्दीवं पयाहिणं काउं नमिऊण तहिँ जें पडीवउ भावइ । 12 1 9b. जिणहराई xxx पुणो एइ। 93. 244 गउ एक-दिघमें सुर-सुन्दरिहै ॥ 244 कन्यां निम्ना तनूदरीं गतस्ते नयितुं यावदू जा भवहरणेण तणूयरिहैं । निप्रभिस्तावद्xx चन्द्रनखां जहे ॥9 24-25. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002523
Book TitlePaumchariu Part 1
Original Sutra AuthorSwayambhudev
AuthorH C Bhayani
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1953
Total Pages458
LanguageSanskrit, English
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size11 MB
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