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महाकवि - भर्तृहरि - विरचितं नीति - शृङ्गार - वैराग्य नामक
भर्तृहरि शतक- त्रयम्
( जैनविद्वद्वर्य्य - पं० धनसारगणिकृत - प्राचीनतमव्याख्यासमन्वितम् )
ग्रन्थांक २९]
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अनेक आदर्शाधारेण विविधपाठभेदादिसमलङ्कस्य
विक्रमाब्द २०१५]
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सम्पादनकर्ता
प्रा० श्री दामोदर धर्मानन्द कोसंबी
प्रकाशनकर्ता
अधिष्ठाता, सिंघी जैन शास्त्र शिक्षा पीठ
भारतीय विद्याभवन, बम्बई
प्रथमावृत्ति
Lo बंबई
सर्वाधिकार सुरक्षित
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[ ख्रिस्ताब्द १९५९
[ मूल्य रु०५/५०
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