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२. ज्ञानबिन्दुगतानां ग्रन्थग्रन्थकारादिविशेषनाम्नां सूची।
१२७
२२.१६. ३९.१७.
६.३०. १६.२२,३२.७,
४९.३. ३३.२७.
सामानाधिकरण्य सामान्य सामान्यवाक्यार्थ सामान्योपयोग सार्वश्य सुगत सुषुप्त सूक्ष्मसम्पराय सूत्रार्थ सक्लेशाद्धा संयुक्तसमवाय संवादकप्रत्यय संशय संसर्ग संसर्गबोध
२४.१३. | स्नेह ४३.१८. स्पृष्टज्ञान
७.८. स्मरण ३४.२७.स्मृति २५.३२. स्यात्पद २२.२३. खतन्त्रसिद्धान्त ३५.५. खतस्व
स्वप्नज्ञान ४२.८. खप्नार्थ ४.९.
खभाव ४७.१६. खसमय ११.१०,१४.१४. खसिद्धान्त ११.२९,३३.१६.
१३.२९. हिंसा
३२.२१. खरूपहिंसा २२.२०,२३.२६.
अनुबन्धहिंसा ३२.६.
हेतुहिंसा ३४.२४. हिंसापदार्थ १६.२३./ हिंसासामान्य ३४.२४. हेतुसमाज ४२.१६.। हखखदीर्घल
२३.३०.
२४.२५. ३५.७,३६.३.
४७.२६. ४७.२६.
संसार
संस्कार संस्थान सांव्यवहारिकप्रत्यक्ष स्कन्ध स्नातकादि
७.२३. ७.२७. ७.२७. ८.१८. ८,२३. ८.१७. ३८.१९. २४.५.
२. ज्ञानबिन्दुगतानां ग्रन्थग्रन्थकारादिविशेषनाम्नां सूची।
अकलङ्क (समन्तभद्र) अक्रमोपयोगद्यवादिन् अध्यात्मसार अनेकान्तवाद अनेकान्तव्यवस्था भर्हन्मतोपनिषद्वेदिन् आकरसूत्र आगम आचाय उपदेशपद एकत्ववादिन् एकदेशिन् एकान्तवाद एकान्तवादिन् एकोपयोगवादिन कर्मप्रकृतिविवरण कल्पभाष्य
२१.९. क्रमवाद ४०.१७. क्रमवादिन १३.२३. क्रमोपयोगवादिन
३.२. मोयम ४०.१७. गौतम ३.१८. ग्रन्थकृत्
चतुर्दशपूर्वविद् ४४.२५. चार्वाक
१.७. चिकित्साशास्त्र ७.२०. चिन्तामणिग्रन्थ
४०.२७. जिनभद्रगणिन् ४३.७४४.१३. | जिनभद्रानुयायिन्
२३.५. जीतविजय २.६,१३.२६. जैन ३८.१७. जैनी
६.६. ज्ञानबिन्दु ८.२८. ज्ञानार्णव
४०.२२:४१.३. ३६.२४,४०.३.
३३.२४. ३४.२०.
३४.२९. ३७.२५,३८.१७३९.९.
८.२७. ३०.१७. २१.१५.
१३.८. १२.२०,३३.२४.
३४.१८.' .. ४९.१४.. १३.१२,३३,८.
- ३३.३. ४९.११.
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