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द्वादशं परिशिष्टम् ।
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- उडंक नारद
८ तापस-परिव्राजकमभृतयः नारय फलाहाररिसि वल्कलचीरिन पोहसाल रोहा
९ देवजातयः भग्निकुमार
भरिंगकुमार
नागकुमार
इसिवाल
सीता
इंद
१० देव-असुर-व्यन्तर-वानव्यन्तर-व्यन्तरीप्रभृतयः कंबल कुण्डलमैत घण्टिकयक्ष रखदेवता कुण्डलमेण्ठ
कोडलमेंट चमर शिव कुण्डलमेत गौरी
प्रहासा
सबल कुण्डलमेंत गान्धारी भंडीर
सिव
सुदान
ऋषिपाल कम्बल
हकपद्धतिदेवता हासा
कण्ड कृष्ण
भरत
११ चक्रवर्ति-वासुदेव-बलदेवाः बंभदत्त
वासुदेव ब्रह्मदत्त भरह
जनार्दन नारायण
पुष्पकेतु
शक
अणंग अणंध अनिल अभय अभयसेण अशोकश्रि असोकसिरि
करकण्णु कुणाल खंदय गहभ गर्दभ चण्डप्रयोत चन्द्रगुप्त
१२ राजानो राजकुमाराश्च जियसन्तु णमसेण पुष्पचूल शतानीक दसार
प्रद्योत शम्ब
बाहुबलिन् शसक धणदेव बिन्दुसार शातवाहन नरवाहण भसक
श्रेणिक नहवाहण भसय
सम्प्रति (१० ५२ टि०३) पजुन्न
भिसक पजोय भिसय सयाणि
ससभ पुप्फचूल यव
संपति संब सागरचंद सातवाहन साताहण सायवाहण सालवाहण
चंदगुत्त
सालिवाहण
सेणि
असोग असोगसिरि उदायन कपिल
जराकुमार जितशत्रु जितारि
पुष्फकेट
मुरुण्ड
संपद
अडोलिका चेल्लणा अडोलिया जयन्ती अडोलीया जंबवती कमलामेला धारिणी
१३ राश्यो राजकुमार्यश्च पद्मावती पुष्पचूला पुप्फचूला पुष्पवती पुप्फवई मरुदेवा पुरंदरजसा यशोभद्रा
य
विसस्था सुकुमारिका सुकुमालिया हेमसम्भवा
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