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________________ पञ्चमं परिशिष्टम् । ६५ विभागः गाथाङ्कः गाथा छेदणे भैयणे चेव छेदो छग्गुरु छल्लहु छेदो मूलं च तहा विभागः गाथाङ्कः २ १०८२ ३ २५४६ २ १५१४ छेलिय मुहवाइत्ते छोडें अणाहमडयं ३ २९१४ ३ २५२२ ३ २५३९ ६ ६३२४ ५ ५२२१ टि०२ ५ ५२२१ २ १०.४ ३ २९७६ छोदणाणाहमयं छोदण दवं पिजह ४ ३८७४ जइ अकसिणस्स गहणं जइ अगणिणा उ वसही जइ अभितरमुक्का जइ अंतो वाघाओ जइ इच्छसि सासेरा जह उस्सग्गे न कुणह जइ एगत्थुवलद्धं जइ एगस्स वि दोसा जइ एयविप्पहूणा २ २ ६ ८३८ २०६८ ६२३० गाथा जइ ताव पिहुगमाई जइ ता सणप्फईसुं जइ तिनि सम्बगमणं जह तेसिं जीवाणं जइ दिटुंता सिद्धी जइ देंतऽजाइया जा जह धम्मं अकहेत्ता जइ नस्थि को नाम जइ नाणयंति जोई जइ नाम सूइओ मि जइ निल्लेवमगंधं जह नीयमणापुच्छा जइ पज्जणं तु कम्म जह परो पडिसेविजा [ , जइ पवयणस्स सारो जइ पंच तिन्नि चत्तारि जइ पुण अणीणिओ वा. जइ पुण अस्थिता जइ पुण खद्धपणीए जइ पुण जुन्ना थेरा जइ पुण तेण ण दिट्ठा जइ पुण पवावेती जइ पुण पुरिमं संघं जइ पुण सव्वो वि ठितो जह पुण संथरमाणा जइ पुण होज गिलाणी जह पोरिसित्तया तं जह बारस वासाई जइ बुद्धी चिरजीवी जइभागगया मत्ता जह भुत्तुं पडिसिद्धो जइ मे रोयति गिण्हध जइ भोयणमावहती जइमं साहुसंसगिंग जह मूलऽग्गपळंबा जइ रजाओ भट्ठो जइ रनो भजाए जइ वा कुडीपडालिसु ३ २९४१ ४ ४५४६ २ १७४० ५ ५५६३ २ १७६० ३ २७०२ ५ ५७३०] १ २४३ २ १५१८ ५५४० ४ ४४०७ १४८८ २ १५२९ ४ ४५८२ २ १८४० ५ ५३०४ ५ ५२८०] १ ३०५ or marrr mr- rrrrrmurrr pm00r. س जइ एव सुत्तसोवीरजइ एवं संसर्ट जह ओदणो अधोए जह कप्पादणुयोगो जह कालगया गणिणी जइ किंचि पमाएणं जइ कुट्टणीउ गायंति जह कुसलकप्पिताओ जइ कूवाई पासम्मि जइ जग्गंति सुविहिया जइ जं पुरतो कीरह जइ णेउं एतुमणा जइ तत्थ दिसामूढो जह ता अचेतणम्मि जह ता दंडस्थाणं जह ता दिवा न कप्पड़ जइ ताव तेसि मोहो जइ ताव दलंतऽगालिणो जह ताव पलंबाणं १०६३ ५३४६ ३ २४८३ ४ ४८४९ ६ ६२७४ ५ ५२७२ २ १२२० ४३४३ २५१५ ६०१३ م ه م १३६८ ३ २६६३ २ १०११ ११०६ ३५२९ २ १८१७ ५३८९ ३१०८ ३८१४ ४४२९ २८४० ३ २१५६ ४ ४३२५ २ १०५३ س ४०७३ ه ه س ८५३ ६३५ ३४ ४ ४८६७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002515
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 06
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year2002
Total Pages424
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bruhatkalpa
File Size20 MB
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