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________________ अनुयो० आचा० श्रु० अ० उ० आव० हारि० वृत्तौ आव० नि० गा० 7 आव ० निर्यु० गा० S आव० मू० भा० गा० उ० सू० उत्त० अ० गा० ओघनि० गा० कल्पबृहद्भाष्य गा० चूर्णि जीत० भा० गा० तत्त्वार्थ० दश० अ० उ० गा० दश० अ० गा० दशवै० अ० गा० दश० चू० गा० देवेन्द्र० गा० पञ्चव० गा० पिण्डनि० गा० प्रज्ञा० पद प्रशम० आ० मल० महानि० अ० विशे० गा० विशेषचूर्णि व्य० भा० पी० गा० व्यव० उ० भा० गा० टीकाकृताऽस्माभिर्वा निर्दिष्टानामवतरणानां स्थानदर्शकाः सङ्केताः । Jain Education International अनुयोगद्वारसूत्र आचाराङ्गसूत्र श्रुतस्कन्ध अध्ययन उद्देश आवश्यक सूत्र- हारिभद्रीय वृत्तौ आवश्यक सूत्र नियुक्ति गाथा आवश्यक सूत्र मूलभाष्य गाथा उद्देश सूत्र उत्तराध्ययनसूत्र अध्ययन गाथा ओ नियुक्ति गांथा बृहत्कल्पबृहद्भाष्य गाथा बृहत्कल्पचूर्णि जीतकल्पभाष्य गाथा तत्त्वार्थाधिगमसूत्राणि • दशवैकालिकसूत्र अध्ययन उद्देश गाथा दशवैकालिकसूत्र अध्ययन गाथा दशवैकालिकसूत्र चूलिका गाथा देवेन्द्र-नर केन्द्रप्रकरणगत देवेन्द्रप्रकरणं गाथा पञ्चवस्तुक गाथा पिण्डनिर्युक्ति गाथा प्रज्ञापनोपाङ्गसटीक पद प्रशमरत आर्या मलयगिरीया टीका महानिशीथसूत्र अध्ययन विशेषावश्यकमहाभाष्य गाथा बृहत्कल्पविशेषचूर्णि व्यवहारसूत्र भाष्य पीठिका गाथा व्यवहारसूत्र उद्देश भाष्य गाथा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002512
Book TitleAgam 35 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Part 03
Original Sutra AuthorBhadrabahuswami
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year2002
Total Pages364
LanguageSanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bruhatkalpa
File Size19 MB
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