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६३८ जैनदर्शन में कारण-कार्य व्यवस्था : एक समन्वयात्मक दृष्टिकोण
२३. योगवासिष्ठ ३.६२.२७ २४. संन्यासोपनिषद् २.९८ २५. ब्रह्मबिन्दूपनिषद्, मंत्र २ २६. रामायण, उत्तरकाण्ड, सर्ग १५, श्लोक २५
गीता २.२२ २८. पूर्वजन्मकृतं कर्मेहार्जितं तद् द्विधाकृतम्- शुक्रनीति ४९ २९. स्वप्नवासवदत्त, प्रथम अंक, श्लोक ४
मेघदूत, उत्तरमेघ, श्लोक ४९ ३१. नीतिशतक, श्लोक ९५ ३२. तत्त्वार्थ सूत्र १०.३ ३३. शास्त्रवार्ता समुच्चय २.६६ की टीका ३४. ऋग्वेद १०.४.९०.२
तैत्तिरीयोपनिषद्, ब्रह्मवल्ली, अनुवाक १
३०. मेघर
३५.
३६. गीता ७.१० ३७. सूत्रकृतांग की शीलांक टीका, भाग तृतीय, पृष्ठ ८९ ३८. भगवती सूत्र १.३.३५ की अभयदेव वृत्ति
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