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→ षड्दव्य में घटित कार्य का स्वरूप → पंच समवाय और उसकी कारणता
. पंच समवाय से आशय
• भारतीय वाङ्मय में स्वभावादि कारणों की चर्चा
• पंच समवाय के विकास में सिद्धसेनसूरि एवं उत्तरवर्ती आचार्यों
का योगदान
• आधुनिक काल में पंच समवाय की संस्थिति
कालवाद
स्वभाववाद
• नियतिवाद • पूर्वकृत कर्मवाद
• पुरुषार्थवाद/पुरुषवाद » अन्यवाद > निष्कर्ष
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द्वितीय अध्याय : कालवाद > उत्थापनिका → वेद, उपनिषद् और पुराण में कालवाद
• वेद में कालवाद के तत्त्व • उपनिषद् में कालवाद • पुराण में कालवाद के तत्त्व • महाभारत में कालवाद एवं उसका निरसन • श्रीमद्भगवद् गीता में काल का परमात्म स्वरूप
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