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उपदेश पुष्पमाला / 25
पुष्पमाला के मूल पद्य प्राकृत भाषा में है, जिसकी संस्कृत में छाया प्रो. श्री माखनलालजी सोनी ने की, जिससे अनुवाद करने में और सरलता हो गई।
गुरुदेव की कृपा से लिया ग्रन्थ हाथ में
गुरुवर्या श्री का नाम लेकर लिया कागज, कलम हाथ में संघरत्ना की कृपा से कार्य पूर्ण हुआ सरलता से बीच-बीच में आई कठिनाई मिटी प्रज्ञापुरुष की सरलता से कार्य पूर्ण हुआ कनक सम्यक्प्रभा के सहयोग से प्रकाशन हुआ खरतरगच्छ महासंघ के सहयोग से
इन सबका उपकार, आभार मानती हुए उन्हीं के आशीर्वाद और शुभकामना के अपेक्षा के साथ की निरन्तर सत्पथ में आगे बढ़ती रहूँ, यही एक अभिलाषा है ।
विजयादशमी शाजापुर
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गुरु सज्जनचरण रेणु सम्यक्दर्शनाश्री
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