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________________ साध्यविज्ञान साध्यसम १११.२३. ५२. २१. | सिद्ध हिंसानृतस्तेयाब्रह्मचर्यं प्रवृत्ति सिद्धान्तविषमग्रह सिद्धासिद्धाकिञ्चित्करविस्तर साध्यसाधन ७ ६; ७९. ११, ९२. २७; १०६.१४; १११. २५; ११३. १, ११९. १४. साध्यसाधनधर्म ८०. २७. १२०. ४. साध्यसाधनमिथ्यासंकल्पाभिनिवेश साध्यसाधनसम्बन्धासिद्धि साध्यसाधनसंकल्प साध्यसाधनसंस्थिति ११३. २८. ४१. १४. ६६. २८, १२४. १४. साध्यार्थासंभवाभावनियमनिश्चयैकलक्षण १०२. ११. साध्यार्थासंभवाभावनियमासिद्धि ११०. ११. ८०. २८. १०७.२३. साध्यादिविकल्प साध्याभावसंभवनियम निर्णयैकलक्षण साध्याभास साध्याविनाभाव साध्याविनाभावाभिनिबोधकलक्षण सामान्यविशेषात्मविषय सामन्यविशेषार्थसाधन लाक्षणिक - दार्शनिकनामसूचिः सान्तरप्रतिभास ३४. ६. सापेक्ष १५. ३; २४. १९. सापेक्षत्व २५. १५. ८५. २८. १०६.२०. सामग्रीगुणदोष सामग्रीप्रतिभासविशेष सामग्रीभेव १२. २६; १०६. २०; ११४.१. सामग्रीविशेषोपपत्ति ९७. ८; १२४. १३. सामग्रीविहितज्ञानदर्शिताकारभेदिन् ६८. २९. सामान्य ३३. १९; ४५. २२; ४९. ५ ५०. ६ ५४. २४; ५६. ३; ५८. २१; ७९. ८ ९९. २५; १०२.१९, २०; १०७.७. ३३. ६; ५५. १. ७१. ८. ४. १; ११. १९; ५६. २८. सामान्यदूषण सामान्यभेदरूपार्थसाधन ९१. ५. सामान्यलक्षण सामान्यविशेष परिणामधी सामान्यविशेषसमवायव्यपेदश सामान्यविशेषात्मन् ९९. १०; १२०. ९. १०२. ४, १०३. १०, १२२. १८. ९७. १८. सामान्यसन्निवेशिन् सामान्यानुस्मृति साम्प्रतिकार्थग्राहित्व ५३.५; १०२.२, ५. . १०१. २१. ५. १४. सावयवविरोध सास्नादि साहस Jain Education International सारूप्य ३३. ६, ९७. १२; ११५. २६, ११८. ६. सारूप्यव्यभिचाराभाव ११७.१४. १००.२३. ७५. २९. ५०. १९; ८३. २२. ११६. २२. सितासनपुरस्सर सिद्ध८१.२७,८६.८; ११०.६१ १११. ९; ११६. ६. ८१. २७ ११६. ६. सिद्धपरमात्मानुशासन सिद्धसाधनीयपरतन्त्र सिद्धसाध्यार्थ सिद्ध से न १२०. १५. १११.२. ११४. २१. ७ ११०.२८. ११७.९. १०१.१३. २३. १. सिद्धि सुख | ३. १५; १३. १३. १२१. १९. सुखज्ञानादिक सुखदुःखादि सुखदुःखादिविज्ञानोपयोग सुख दुःखादिवेदन सुखदुःखादिसंवित्ति सुखदुःखादिहेतु २१. २०. ३१. १९. ८५. १५. सुखादि २.९;२१.१४; २३.२३,४०.१७;६३. २; ८३.१८; ९८.१६; १०४. २०; १०९.१; ११२.१२; १२१.७; १२२.११; १२५.८. १२१.७. सुखादिसंविद्विषय सुखादिस्वरूपनिरूपण २३. २४. ८०.४, ५. ९२. ११. ९. २. १४. १०. सुनिश्चितासंभवद्बाधकप्रमाण २. ९; २१. १४. ४८. २२. सुगत सुगता दि तर सुतुच्छक सुप्तप्रबुद्ध सुप्तप्रबुद्धाविशेषप्रसंग सुप्तप्रमत्त सुवर्णपाषाणादिवत् सुषुप्तवत् सुषुप्तादि सूक्ष्म सूक्ष्म कठिनादिविशेष सूक्ष्म स्थूलकलाकलाप सूक्ष्मस्थूलतर सूक्ष्मस्थूल संस्थानादिभेदमूत्तिवत् सूक्ष्मानेकस्वभाव | सूक्ष्मान्तरितदूरार्थ सू त्र सूर्याचन्द्रमसोर्ग्रहण सोपाय सौ ग त संकर संकलनान्तरवत् संकल्पाद्यविनाभू ४६ ८२. १२. ४०. ६. १११. २. ८१. २. २५. २५. १३. २६. २.३ संकेतदशिन् संकेत स्मरणनियमाभाव संख्या संख्याकालकारकलिंग संख्यादि प्रतिपत्तिसाधन संख्यादिसमभाव संख्यालक्षणगोचरार्थकथन For Private & Personal Use Only १०६.२९. १०१.५. २२. ७५९. २८; १०४.७. २३. २२, ८६. २७. १२१. १४. ११२. ३०. ७३. २२; ७६. २२. १२६. ५. ८. १९. ८५. १९. ४५. ४ ९०. २२. २५. ३. ८२. १५. ९३. २४. ११३.२८. ९८. १. ६४. १५. संकेत १५.२८,३०९५६.२१; ५८.१६,१९,२९,८६. ८७.१५, २३, २८; ११७. १; १२४. ७. ११७.५. १२३. २४. ६१. ६, ११, ११५. १. १२४. २०. ११९. १८. ९८. २२. ७. २०. ६८. २०० ८१. १३, १२७. २३. www.jainelibrary.org
SR No.002504
Book TitleAkalanka Granthtrayam
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorMahendramuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1969
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
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