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________________ लाक्षणिक-दार्शनिकनामसूचिः सम्मोह स मन्त भद्र ११४. २१. | सम्प्रीतिपरिपादिभेद ४०. ११. समबुद्धि ८८. २६. सम्प्लवप्रसंग १२१.४, १२३. १३. समभाव ५७. २७. | सम्प्लवस्थानपरिणामविरोध १२१. २४. समभिहार ९८. ३०. सम्बन्ध ५५. २५, ७५. १८, ८०. २७, ११९. २२. समय १.९; ५६. २५, ५८. ११, २२, ८७. सम्बन्धग्रह २५; १२३. २०; १२४. १२. सम्बन्धनियम ८७. २५. समयस्थिति ११०.१९. सम्बन्धनियमाभाव समयस्मरणाभाव ११९. ९. सम्बन्धप्रतिपत् ७.१५. समयानपेक्षण ११७. २. | सम्बन्धान्तर १२४. १४. समयाविप्रलम्भन सम्बन्धाभिज्ञान १२४. ११. समरागादिदोष ४१. २७. सम्बन्धासिद्धि १६.१६:१०२.१४;११३.१५,११९.२. समवग्रह सम्बन्धोपकाराद्यनवस्थादोष १२२. २५. समवाय १४.११,१३,१४,४३.२९,५२.७,१२१.१२. सम्भावितोवृत्तवृत्ति ११६. २४. समवायसाकल्यवैकल्य ११७.१८. १०८. ५, १११. ६. समवायान्तराभाव १४. १५. सम्मोहविच्छित्ति १११. २१, १२४.९, १२७. २५. समवायाविशेष १००. २१, १२१. १२. सम्यक्त्वमिथ्यात्वे २५. १५. समवायिन् ९१.९, १००.१५, ११४. ३१. सम्यगेकान्त २१. २५. समविकल्पजनकत्व १०७. ७. सम्यग्ज्ञान २९. १२; ६७. ९. समव्यपदेश १२४. १०. सम्यवज्ञानाङ कुश ८८. १४, १२२. ३. समस्त १४. ३. सविकल्पक २४. ९; ३९. १०, ४५. २४,४६. समस्तैक्यसंग्रह २४. १. २४; ९७. १८, ९८.१०,१६,१०३.१, १०७. ९. समानपरिणाम २३.६,७,५३.३,५६.१३,११७.१. सविकल्पलक्षण समानपरिणामरहित सविकल्पाख्यासाधन ४५. ३. समानपरिणामात्मशब्दसंकेतहेतु ७२. १६. सविकल्पावभासन - ८. १७. समानपरिणामात्मसम्बन्धप्रतिपत्ति ५४. १९. सविकल्पाविनाभाविन् ३०.४. समानपरिणामिन् ४९.६, ५६. २४; ७२. २६. सर्वकर्मविनिर्मुक्त २६. ९. समानवर्णभाग १२४. २. सर्वगत १३. २३; ५०. ३, ५२. ७, १०२.१६; समानशक्ति १०३. ६. ११८. २५. समानाकारकल्पना सर्वचित्त समानाकारशून्य सर्वज्ञ १७.१२,७७.१५,९१.२७,१०९.७,१३,११०.३. समानात्मन् सर्वज्ञप्रतिषेध समानार्थपरावृत्त ४७.२. सर्वज्ञबाधिनी ७७. ७. समानाधारसामान्यविशेषणविशेष्यधी ४८. १. सर्वज्ञसंस्थिति ८५. २०. समानान्यनिर्णय ७१. १४. सर्वज्ञादि ९२. १४. समानेतरपरिणामातिशय २३. ४. ९८. १८. सर्वज्ञादिविशेषाभाव २. १३. समानोन्नयहेतु ३९. १०, ८८. ४. सर्वतोभास ९९. ८. समारोपव्यवच्छेद ३. ९, १०,८. १२, ३९, १०. | सर्वतः संहृत्य चिन्तां ८. १८. समित ६५. १३. सर्वथानुपलंभ ४९. ३. समितक्रमयोगिन् ४४. १५. सर्वथाप्तगुणात्यय ८६. ११. समीक्षक १०६. १२. सर्वथावरणात्यय ७८. १८. समीक्षाकारिन १०६.१६. सर्वथाऽवक्तव्यत्वकल्पना १२५. ३०. समीक्षाविरोध १०५. २१. सर्वथावक्तव्यत्वत् १२५. ३०. समीहित १२५. १२. सर्वथाऽविकल्पक समुदाय ११०. २६; १११. ३. सर्वथाऽसंक्रमव्यवस्था ११. २३. समुदायसमुदायिनियोग सर्वथैकत्वविक्षेपी २४. १६. समुपलक्षितविशेषसंख्यान १२५. १८. सर्वथैकान्त २२. ३; ११०. ११. सम्प्रत्यस्तमिताशेषनियम ७१. २४. सर्वथैकान्तत्याग २१. २३. सम्प्रदाय १२४. १८. सर्वथकान्तप्रवादातीतगोचर ८१. २६. सम्प्रदायाविच्छेद ९८. ३१, १२४. २८. सर्वथैकान्तविश्लेष ६६. २८. सम्प्रदायाविघात ९३. ७. सर्वथैकान्तविश्लेषतत्त्वमार्गव्यवस्थित ९०.२८. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002504
Book TitleAkalanka Granthtrayam
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorMahendramuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1969
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
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