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________________ ३४ परवंशोत्पत्ति परसत्त्व परसत्त्वसतत्त्व परस्परज्ञान परस्परपरिग्रहपरिणामसिद्धि परस्परपरिग्रहपरिणामाविनाभाविन् परस्परपरिणामविवर्त्ताहितविविधपर्याय ११२. १३. ९८. १९. परस्परपरिणामस्थिति परस्परपरिणामाहितविशेषपरिग्रह परस्परपरिहारस्थिति परस्परपरिहारस्थितिलक्षण परस्परविधिप्रतिषेधपरमार्था परस्परविवर्त्तग्रन्थिविकार परस्परविश्लेषविघात परस्परविश्लेषिन् परस्परव्यपेक्षा लक्षण परस्परानात्मक परस्पराविवेक पराजित परार्थसंपत्ति परापरकर्मप्रबन्ध लघी० न्यायवि प्रमाणसंग्रहान्तर्गतानाम् ११९. २१. ६९. १७. ३७. २७. १०९. २६. १२६.६. ६५. २३; ११४. २७. ८०. २३. २६. २५. ११९. २१. परापरपर्यायावाप्तिपरिहारस्थितिलक्षण १२१. २३. १२१. १०. परापरभाविनियमभेदाभाव परापरविभागकपरिणामविशेष परापरविवेकैकस्वभावपरिनिष्ठित पराप्रस्वभावानुगमपरावृत्तिप्रसंग परिणामकल्पविटपिच्छायागत परिणामपाटवातिशय परिणाम प्रसाधन परिणामविनाश परिणामविशेष परिणामस्वभाव परिणामात्त परिणामादि परिणामाभाव परिणामित्व १२१.२८. ११२.२०. ११४. १. १२०.११. १२६.५. १२०. २७. ११४. २४. १०२. १३. ७. २५. ४. १. परापेक्ष परामर्शनियम परिकल्पितपरार्थान्वय परिच्छेद परिच्छेदात्मक परिच्छेद्य १६. ११, २१; २०. १६. परिच्छेद्य परिच्छेदकभाव २०. १८. परिणाम ४६.५; ५३.२; ७६.१७; ७८.२३; १००. २३,१०५.८,१८,१०९.२१; १२०.३२. Jain Education International १०३. २४. ७०. १५. १२२. १९. ४३. ७; १२५. २४. १०७. ७. १२३. १७. ३२. २३, २४. ८१. २०. १२५. १४. ७६. २९. ७९. ८. २. २६, ६०. १४; ८८. ८. ७०. २९. ६०. ५. ७०. १; १२१. ३१. १०५. २५. ६५. २. परिणामिन् २३.२२ ४८. २७ १००. १६, १०८. २४,२८,३१,११२.९; १२०.२५; १२३.४. पावक पिण्ड २०. १७ | पितापुत्रवत् परिणामिसहकारिकारण १०५. १२. परिमण्डलादि परिस्फुट ५२. २७, ९८. ६, ९९. ६. ९, १२५. १७. ६. १३. परीक्षा परीक्षाक्षम १०६.२, १४. १४. २४. परीक्षाक्षमवाक्यार्थपरिनिष्ठितचेतस् ६ ३. २७,९१.१९. परीक्षाफल परीक्षित परोक्तागमखंडन १०. १८. परोक्ष १ १३; २१.४, १४, ९७. ४; परोक्ष ८. १ ३१.३, ४७.४; ६९. १५, ८२. ८; १२७. ७. ९७.७, ९८.१७, १०१. १६,१०३.२३, १०६.२२. परोक्षज्ञानविषयपरिच्छेद ३१. ३. ९८. १७. परोक्षज्ञानार्थपरिच्छेद परोक्षता परोक्षपरतन्त्र परोक्षात्मन् परोक्षार्थगति २. ४. १२५. १०. ७२. २७. ६९. २७. १०. ११, १६. परोक्षार्थप्रतिपत्ति ८३. ११; ८९.२३. परोच्छेद परंज्योति पर्वतादिविभाग पशुलक्षण पाचकपाठकादिवत् पाटवोपपत्ति पार्थिवादिविशेष पापीयान् पारतन्त्र्यानुपपत्ति पारमार्थिक पारम्पर्यं पारार्थ्यनियमाभाव ४१. ६, ४३. ७; ६३. पीतदोषाश्रवाकार पीताद्याकारज्ञानोत्पत्ति पुरुषतत्त्व पुरुषतन्त्रत्व पुरुषत्वादि पुरुषधर्म ९९.८, ११८. ७. ३८. १७. ११५.२७, २५. १०. १२५.२२. १२१. १८. १२०.५. १२५. २. २५. १२, १०८. २. १७; ७४. ३१. १०८.२८. ५. ८, ७९. १३. ४१. २४. ११२. २६. ८८. २८. २०. ३. ११२. ९. २१. १६; २३. ११, १२१.४, १८. १२१.२९. २. २२. १०. ७; १६. १८. १५. १०; १६. २०; २४. २६. पुत्र पुद्गल पुद्गलस्वभावानतिरेक पुद्गलात्मक पुमान् पुरन्दर पुरुष १०५. २०. १६. १२. For Private & Personal Use Only १३. २६; २३. ७. २६. ७. ६४. ३०. ७८. ९, १२. ५३. १५; १०२. २,६. पुरुषपरिणामस्वभाव ७७. २५. १२०.३१. पुरुषातिशय ३.१३, ८२. ५ ८५. ९, ११६. १७. पुरुषार्थ पुरुषार्थसिद्धि पुरुषार्थाभिधायक पुरुषार्थाभिसन्धि १२०. ७. ८८.१४; १२२. ३. १०. १. www.jainelibrary.org
SR No.002504
Book TitleAkalanka Granthtrayam
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorMahendramuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1969
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
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