SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 344
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६. लघीयस्त्रय-न्यायविनिश्चय-प्रमाणसंग्रहान्तर्गतानां लाक्षणिकानां दार्शनिकानां च नाम्नां सूचिः । अकलंक १७. १५,२६.१६,५२.११; ९१. १२. | अग्नि ६९. २१; ७९. १३; ८५. २०. अकलंकमंगलफल ९४. ९. अग्निजन्मैव धूमः १०. १४. अकलंकरत्ननिचयन्याय ८१. २१. अग्निरत्र धूमात् १०.११. अकस्माद्ग्राहिन् १२५. १४. अग्निस्वभावाविरोध १०.१४. अकार्यकारण ११२. ६. अचल १३. २६,१०२. २८; ११२. २३. अकारण ४७. २९,१०७. ३; १२४. २६. | अचलात्मक ६५. १९,१०७. २१,१०८.१८,२४, अकारणविशेषौषधवत् ११९.१३. २८, ३०; १०९. १; ११४. २२. अकिञ्चित्कर १.१५, ३२. २२, २३,११०. ६, अचिन्ता ९८. ७. २२, ३०,१११.४; ११३. २७.. अचेतन १२. १६; ११९. ६; १२०. १०. अकिञ्चित्करविस्तर ६६. २३,७९. ३. अचैतन्य ५७. २५. अकिंचित्करारेकाविपर्यासपराक्रम १२५. १३. | अजगरमुखकुहरपरिपतन . १०८. १५. अकिञ्चित्करारेकाविपर्यासानिवृत्ति ९७.१२. अजय ११३. १०. अकिञ्चित्कारक ७९. २५. अजनकजन्य ६५. १०. अकृतकत्वासिद्धि १०५. २८. अजन्यजनककर्तृसहभावनियम १०५.१४. अकृपालु ४१. १७. अजीव ११. ७. अक्रम १५. २, २४. १८; ५२. ११; ९९. ८, १२; अज्ञ ३९.८; ७२. १. १००.१७,१०२. १७; १०५.४;११२.६; अज्ञस्वभावात्मन् १४. १२. ११८. १९; १२६. १३. । अज्ञात ११०. ९,१०,१११. १०. अक्षगोचर ४३. १८. । अज्ञाताकिंचित्कराभिधान ११३. २०. अक्षगोचरचेतस् ५०. १५. अज्ञानरूपहेतु ४०. २३. अक्षज्ञान ५८.३, ९७. १६. | अज्ञानस्वभाव अक्षज्ञानानुज ५०. २२. अज्ञानादि १२०. २. अक्षणिक १२. ५. अज्ञेय ११६. १७. अक्षणिककारण १२. २७. अञ्जनादिवत् १२०.४. अक्षधी अणु ४३. १८,४४. १७; ६८. १४७१. १५,७२. अक्षबुद्धि १५. १८,५१. ८. ९,७३. ३,८७९. २०१०२. १३. अक्षमय ७८. १३. अणुमात्र ४१. २४. अक्षय ४३. २५. अणुपारिमाण्डल्यक्षणभंगाद्यवीक्षण ६.१०. अक्षलिंगधी ९.२०. | अतत्कार्यव्यवच्छेद १०८. ८. अक्षशब्दार्थविज्ञान १६. ३. अतत्कार्यव्यावृत्ति १०७. ६. अक्षसंघात ६३. २२. अतत्कारणव्यावृत्ति ११७. १२. अक्षार्थमनस्कारसत्त्वसम्बन्धदर्शन ५२. ४. अतत्कालादि ३५. १०. अक्षार्थयोग २. १९. अतत्त्व ३७. २०, २४, २७. अक्षादि ५४. २, ६३. १०,८३. २५; ९९. १. अतत्परिच्छेदव्यतिरेकनियम । ११०. १. अक्षानपेक्षण ९१. २६. अतत्फलपरावृत्ताकारस्मृतिहेतु ७२. ११. अक्षानुभूत ५०. ३०. अतदर्थनिवृत्ति ३३. ११. अक्षिणी विस्फाल्य १११. २४. अतदर्थपरावृत्त अखिलजगत् ३१. २९. अतदारम्भतया ४८. १८. अगवयनिश्चय ७.१२. अतद्रूप १०.१. अगोचर अतवृत्ति ५२. २. अगृहीत ४६. १९. अतद्वयावृत्तितुल्यरूप १२४. ५. १. परिशिष्टेऽस्मिन् लाक्षणिकाः शब्दाः स्थूलाक्षरेण निर्दिष्टाः । स्थूलाङ्काः पृष्ठसंख्याद्योतकाः सूक्ष्माङ्काश्च पङक्तिसंख्याबोधका ज्ञेयाः । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.002504
Book TitleAkalanka Granthtrayam
Original Sutra AuthorBhattalankardev
AuthorMahendramuni
PublisherZZZ Unknown
Publication Year1969
Total Pages390
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy