________________ * 1 मेस्तुमाल ग्रन्थ. ध्यपरिपूर्ण 120 शान्याचायचय. SINGHI JAIN SERIES Works in the Series already put. अद्यावधि मुद्रितग्रन्थनामावलि * मेरुतुझाचार्यरचित प्रबन्धचिन्तामणि- A-18 जैनपुरकप्रशस्तिसंग्रह प्रथम भाग. 'मूल संस्कृत ग्रन्थ. .. 69 हरिभद्रसूरिविरचित धूर्ताख्यान. (प्राकृत) 2 पुरातनप्रबन्धसंग्रहवित्र. ऐतियतथ्यपरिपूर्ण२० शान्त्याचार्यकृत न्यायीवतारवार्तिक-वृत्ति. अनेक निबन संचय. 3 प्रबन्धचिन्तामणि-हिन्दी आषान्तर. 22 कनि अब्दुल रहमानकृत सन्देशरासक. 4 उदयप्रभसा, धमाभ्युदयमहाकाव्य. 23 भर्तृहरिकृत शतकत्रयादि सभाषितसंग्रह. 5 कीर्तिकौमुदी आदि वस्तमालप्रशस्तिसंग्रह. 24 कवि धाहिलरचित पउमसिरीचरिउ. (अप०) 6 राजशन मरिरचित प्रबन्धकोश. 25 महेश्वरसूरिकृत नाणपंचमीकहा. (प्राकृ०) 7 मेघविजयोपाध्यायकृत देवानन्दमहाकाव्य. 26 श्रीभद्रबाहुआचार्यकृत भद्रबाहुसंहिता. 8 यशोवियोपाययकृत जैनतर्कभाषा. 27 जिनदत्ताख्यानद्वयः (प्रा.) 9 हेमचन्द्राचार्यकृत प्रमाणमीमांसी. 28 जयसिंहसूरिकृत धर्मोपदेशमाला. (प्रा.) १०जिनप्रनसूरिकृत विविधतीर्थकल्प. 29 जयपाहुडनाम निमित्तशास्त्र.(प्राकृत) १०.जिनेश्वरसूरिकृत कथाकोषप्रकरण. (प्र 30 महामुनिगुणपालविरचित जंबूचरित्र (प्राकृत) १६.भयकलदेवकृत अकलकग्रन्थत्रयी. 31 कोऊहलविरचित लीलावई कहा. (प्रा.) 13 प्रभाचन्द्र रिरचित प्रभावकैचरित. 32 महेन्द्रसूरिकृत नर्मदासुन्दरीकथा. (प्रा.) 14 मेघविजगोपाध्यायकृत दिग्विजयमहाकाव्य. 34 खयंभूविरचित पउमचरिउ. भाग १(अप०) 15 सिद्धिचन्द्रोपाध्यायाचित भानुचन्द्रगणिचरित. 35-36 भाग 2-3 16 यशोविजोपात परिचित ज्ञानबिन्दुप्रकरण. | 39 दामोदरकृत उक्तिव्यक्तिप्रकरण. -17 हरिषेणाचार्यकृत कियाकोश. | 40 सिद्धिचन्द्रकृत काव्यप्रकाशखण्डन. Dr. G. H. Buhler's Life of Hemachandracharya. Translated from German by Dr. Manilal Patel, Ph. D. Works in the Press. संप्रति मुद्यमाणग्रन्थनामावलि 1 पालतरगच्छबृहद्गुर्वावलि. | 6 गुणचन्द्रविरचित मंत्रीकर्मचन्द्रवंशप्रबन्ध.' 2 कुमारपाल धरित्रसंग्रह. 3 विविधगच्छीयपट्टावलिसंग्रह. 7 उध्योतनसूरिकृत कुवलयमालाकथा. 4. जैनपुस्तक पस्तिसंग्रह, भाग 2. . कौटिल्यकृत अर्थशास्त्र-सटीक. (कतिपयअंश). विज्ञप्तिलेखसंग्रह-विज्ञप्ति महालेख-विज्ञप्ति त्रिवेणी आदि अनेक विज्ञप्तिलेख समुच्चय. 9 गुणप्रभाचार्यकृत विनयसूत्र. - Shri Bahadur Singh Singhi Memoirs .." स्व. बार श्रीबहादुरसिंहजी सिंघी स्मृतिग्रन्थ [भारतीय विद्या, भाग 3] सन 1945. 2 Late 'Babu Shri Bahadur Singhji Singhi Memorial volume. BHARATIYA VIDYA [Volume V] A. D. 1945. 8 Titthry Circle of Mahamatya Vastupala and its Contribution to. Sanskrit Literature. By Dr. Bhogilal J. Sandesara,. M. A., Ph. D. (S.J. S. No. 33.) 4-5-Studics in Indian Literary History, wo Volumes. By Prof. P. K. Gode, M.A. (S. J. S. No. 37-38.) Jan Education international Fo tos Personal use only www.jainelibrary.org