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[ ३ ] तृतीयं परिशिष्टम् कुमारपालचरित्रसङ्ग्रहान्तर्गतानां देश्यपद्यानामकाराद्यनुक्रमणिका ।
पद्यांश:
अम्हे थोडा रिउ घणा
अंबडू हूंतइ वाणिअउ
इक्क फुल्लह माटि
इक्क फूलह माटि
इह पाली माट
इक्क फुल्लह माटि
एक्कह पाली माटि एह न होइ धर धार
काहू मनि विभंतडी
कुमरपाल म चिंति
कुमरड कुमरविहार एता
कुमारपाल मत चिंत करि
गड फुट्ट वेयण गई
गया जि साजण साथि चूयहलं परिपक्कं विहलिय जड़ जिप्पड़ ता मंडलीय जंगलउरु जडहारु जगिउ
धांगा दोसु न वइजल्या
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